Brajesh Pathak Interview: यूपी के अस्पतालों में 'छापामार अभियान' क्यों चला रहे हैं डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और मुलायम पर क्यों रहते हैं आक्रामक, दिया जवाब

By शरद गुप्ता | Updated: June 15, 2022 12:15 IST2022-06-15T12:15:03+5:302022-06-15T12:15:03+5:30

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से उनके कामकाज को लेकर लोकमत मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर (बिजनेस एवं पॉलिटिक्स) शरद गुप्ता ने लंबी बात की, पढ़े इस बातचीत के अंश...

Brajesh Pathak Interview reveals Why he do surprise inscpection these days in UP hospitals | Brajesh Pathak Interview: यूपी के अस्पतालों में 'छापामार अभियान' क्यों चला रहे हैं डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और मुलायम पर क्यों रहते हैं आक्रामक, दिया जवाब

बृजेश पाठक (फाइल फोटो)

लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से राजनीति का पाठ सीखने वाले बृजेश पाठक आज उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री हैं. उनके पास चिकित्सा और स्वास्थ्य का दायित्व तो है ही, अन्य मंत्रालय भी ठीक प्रकार से काम करें, यह भी निगरानी रखने की जिम्मेदारी है. बृजेश पाठक से उनके कामकाज को लेकर लोकमत मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर (बिजनेस एवं पॉलिटिक्स) शरद गुप्ता ने लंबी बात की. प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंश…

- आप दूसरी बार लगातार लखनऊ से चुनाव जीते हैं. इस बार आपको उपमुख्यमंत्री बनाया गया. क्या अतिरिक्त जिम्मेदारियां आपको मिली हैं?

मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है. मैं अपने विभाग के अलावा भी दूसरे विभागों से संबंधित बैठकों में भाग ले रहा हूं और प्रदेश के सभी विकास कार्यों में अपना योगदान दे रहा हूं.

- आप पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के चिकित्सालयों में छापामार अभियान चला रहे हैं.

सच्चाई खुद जमीन पर उतर कर ही पता चलती है. हर अधिकारी यही बताता है कि सब ठीक है. लेकिन जब आप खुद जाकर देखते हैं तो पता चलता है कि हालात कुछ और हैं. अधिकारियों में भय होना चाहिए कि मंत्रीजी कभी भी और कहीं भी पहुंच सकते हैं.

- क्या पता चल रहा है इन छापों से और आप इनके जरिये क्या पता कर पाए हैं?

मेरी कोशिश है कि राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में मरीज की भगवान की तरह सेवा हो. न सिर्फ मरीजों को दवा और डॉक्टर उपलब्ध हों बल्कि उनके परिजनों को बैठने की जगह और ठंडे पानी की व्यवस्था हो और एंबुलेंस का रिस्पांस टाइम घटे. आप आज किसी भी सरकारी अस्पताल में जाइए आपको सुधार स्पष्ट दिखेगा.

- आप अस्पतालों में अभी तक क्या बदलाव लाए हैं?

आपको हर चिकित्सालय में डॉक्टरों की सूची, ड्यूटी के घंटे, दवाओं की उपलब्धता आदि सभी की सूची प्रतिदिन अपडेट होकर लटकी मिलेगी. हमने 289 दवाइयां आवश्यक सूची में रखी हैं जो हर चिकित्सालय में उपलब्ध होनी जरूरी है. अस्पतालों में स्वच्छता हो. सभी उपकरण समुचित तरह से काम करें. स्वस्थ उत्तरप्रदेश ही मेरा मिशन है.

- कोरोना की दूसरी लहर के दौरान चिकित्सा व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई थी. अब ऐसी बीमारियों से लड़ने की क्या तैयारी है?

उत्तर प्रदेश में सभी का टीकाकरण का कार्य तेजी से चल रहा है. बच्चों के टीकाकरण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है.  मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटी ही नहीं, जिला चिकित्सालयों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (सीएचसी) तक में डॉक्टरों और दवाइयों की पूरी व्यवस्था है.

- आपकी सरकार ने हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने का संकल्प लिया था. आज क्या स्थिति है?

जब 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी, तब प्रदेश के 75 जिलों में से केवल 13 जिलों में ही मेडिकल कॉलेज थे. आज मात्र 14 जिले ही ऐसे हैं जहां मेडिकल कॉलेज खोलने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है. अन्य सभी जिलों में या तो सरकारी या निजी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेज काम कर रहे हैं या काम शुरू करने वाले हैं. पिछले महीने तक केवल 16 ऐसे जिले थे जिनमें से महाराजगंज और संभल जिले में मेडिकल कॉलेज का एमओयू पिछले सप्ताह ही साइन हुआ है. नोएडा में हम एक मेडिकल डिवाइस पार्क बना रहे हैं जिसमें बने उपकरण पूरे देश के उच्चस्तरीय अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को उपलब्ध होंगे.

- आप समाजवादी पार्टी पर काफी आक्रामक रहते हैं. ऐसा क्यों?

जिस समाज की सभी गतिविधियां समाज के हाथों से संचालित होती हैं, वही असली समाजवाद है. एक ब्रिटिश समाज वैज्ञानिक का कहना है कि समाजवाद वह टोपी है जिसे हर व्यक्ति अपने अनुसार पहन लेता है. समाजवादी पार्टी के लिए समाजवाद का अर्थ अपने परिवार को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से मजबूत करना और सरकारी संसाधनों की लूट करना है. उनके शासनकाल में हर जिले में उनके एजेंट बैठे थे जो उनके परिवार के लिए धन की उगाही कर रहे थे.

- तो भाजपा के लिए समाजवाद का क्या अर्थ है?

भाजपा के लिए समाजवाद का अर्थ गरीबों के लिए काम करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों के लिए सैकड़ों योजनाएं शुरू की हैं. इनमें उन्हें अनाज देने से लेकर मुफ्त घर देने तक की तमाम योजनाएं शामिल हैं.

- आपके अनुसार समाजवाद का असली अर्थ क्या है?

हमारे लिए गरीबों का सशक्तिकरण ही असली समाजवाद है. भारत में असली समाजवाद आचार्य नरेंद्र देव, डॉ. राममनोहर लोहिया और राजनारायण जैसे लोगों का था. लेकिन 1993 में जब मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी जनता पार्टी तोड़कर समाजवादी पार्टी बनाई, तभी समाजवाद देश में अंतिम सांसें लेने लगा. उन्होंने सिर्फ लठैतों को एक साथ जोड़कर अपने परिवार को आर्थिक और राजनीतिक रूप से मजबूत करने को ही समाजवाद का नाम दिया. हर जिले में मिनी माफिया बन
गए थे.

- इसके बावजूद पिछले 35 वर्षों के दौरान मुलायम सिंह यादव और उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में प्रासंगिक क्यों बनी रही?

मुलायम सिंह यादव ने जिस राजनीतिक संस्कृति को जन्म दिया उसे पॉलिटिकल मिलिटेंसी कहा जा सकता है. लेकिन वह अमीरों के खिलाफ नहीं थी. और न ही गरीबों के पक्ष में थी. वह केवल समाजवादी पार्टी के नेताओं की गुंडागर्दी को राजनीतिक जामा पहनाने भर की कवायद थी. गरीब लोग इन बाहुबलियों को ही अपनी मुक्ति का साधन समझने लगते हैं.

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