मैक 7 की गति से दुश्मन पर कहर बरपाएगी ब्रह्मोस, जानें क्या है खास?
By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: April 30, 2018 11:28 IST2018-04-30T11:28:06+5:302018-04-30T11:28:06+5:30
भारत और रूस के संयुक्त प्रयास से विकसित दुनिया की सबसे तेज गति की मिसाइल ब्रह्मोस अगले दशक में और ज्यादा घातक स्वरूप में सामने आ सकती है।

मैक 7 की गति से दुश्मन पर कहर बरपाएगी ब्रह्मोस, जानें क्या है खास?
नई दिल्ली, 30 अप्रैल: भारत और रूस के संयुक्त प्रयास से विकसित दुनिया की सबसे तेज गति की मिसाइल ब्रह्मोस अगले दशक में और ज्यादा घातक स्वरूप में सामने आ सकती है। कहा जा रहा है कि मैक सेवन से ज्यादा इसकी रफ्तार होगी। इसकी रफ्तार आवाज से करीब 7 गुना ज्यादा तेज आवाज से दुश्मनों को पस्त करेगा।
कहा जा रहा है कि इसकी गति करीब 9,000 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी। यह हाइपरसोनिक मिसाइल की श्रेणी में आ जाएगी। इसे अब पस्त कर पाना असंभव होगा। दुनिया की सबसे तेज गति की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस उन्नत इंजन के साथ 10 साल में हाइपरसोनिक क्षमता से लैस हो जाएगी और मैक-7 (ध्वनि की गति की सात गुना की सीमा) को पार कर लेगी।
भारत और रूस ने मिलकर इसको पेश किया है। वहीं, भारत और रूस की संयुक्त उपक्रम कंपनी ब्रह्मोस एयरोस्पेस के मुख्य कार्यकारी एवं प्रबंध निदेशक सुधीर मिश्रा का कहना है कि हाइपरसोनिक मिसाइल प्रणाली बनाने में अभी से 7-10 साल लगेंगे। जबकि अभी इसकी रफ्तार ध्वनि की गति की 2.8 गुना है।
उनके मुताबिक संयुक्त उपक्रम में डीआरडीओ की भागीदारी 55 फीसद की है, जबकि 45 प्रतिशत रूस की है। वहीं, कंपनी के पास इस समय 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के ऑर्डर हैं। सुधीर मिश्रा का कहना है कि मिसाइल प्रौद्योगिकी अब अगले 25-30 साल तक इसपर तैयार रहेगी। इस मिसाइल को प्रभावशाली बनाने के लिए इसकी गुणवत्ता में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है।
ताकि युद्धपोत, पनडुब्बी, सुखोई-30 विमान के साथ ही जमीन से लांचर के जरिये दुश्मन के ठिकानों पर छोड़ा जा सकता है। वर्तमान में दुनिया के किसी भी देश के पास ऐसी मिसाइल नहीं है। ऐसे में अब इसके जरिए दुश्मनों को भारत अपने ही तरीके से पस्त कर पाएगा।
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