पटना: 70 वीं बीपीएससी परीक्षा में धांधली के अभ्यर्थियों के आरोप के समर्थन में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पिछले कई दिनों से आमरण अनशन कर रहे हैं। इस बीच गांधी मैदान से लेकर मेदांता अस्पताल और नए जगह पर सत्याग्रह को लेकर जारी सियासत के बीच उनको पटना के मरीन ड्राइव के पास सत्याग्रह करने की अनुमति मिल गई है। पटना जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें इजाजत दे दी गई है। हालांकि जिला प्रशासन ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं। इससे पहले बिना इजाजत के प्रशांत किशोर टेंट सिटी बनवा रहे थे, जिसे जिला प्रशासन ने रोक दिया था।
पटना जिला प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद अब प्रशांत किशोर मरीन ड्राइव के नजदीक जल्द ही आमरण अनशन करते नजर आ सकते हैं। इसके पहले प्रशासन ने पीके को अनुमति नहीं दी थी। जिसके बाद पीके ने पत्र लिखकर जिला प्रशासन से अनशन करने की अनुमति मांगी थी। जन सुराज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती की तरफ से जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह को लिखे पत्र में कहा गया था कि सदर एसडीएम ने मरीन ड्राइव के नजदीक कैंप संचालन पर रोक लगाई है, लिहाजा इस रोक को हटाया जाए।
इसके बाद जिलाधिकारी ने इस मामले में हस्तक्षेप किया। जिलाधिकारी ने जन सुराज को इस शर्त पर कैंप संचालन की अनुमति दी है कि वहां विधि व्यवस्था भंग नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसा होता है तो उसके जिम्मेवारी प्रशांत किशोर होंगे। बता दें कि कोर्ट से जमानत मिलने के बाद प्रशांत किशोर पटना के मरीन ड्राइव इलाके में बड़े पैमाने पर सत्याग्रह करने की तैयारी कर रहे थे।
इसके लिए मरीन ड्राइव के पास खाली जमीन में पीके की तरफ से टेंट सिटी का निर्माण कराया जा रहा था। लेकिन जिला प्रशासन ने उसे अवैध करार देते हुए टेंट सिटी के निर्माण को रोक दिया था। टेंट सिटी बनाने के लिए किसी तरह की कोई अनुमति नहीं ली। इसके बाद पीके ने सोमवार को पटना में कुछ बीपीएससी अभ्यर्थियों के साथ बैठक की थी।
दरअसल, बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पीके के अनशन को तोड़वाने की पहल करते हुए छात्रों के प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया था। अभ्यर्थियों की राज्यपाल से मुलाकात के पहले पीके ने छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की थी और कहा था कि उन्हें तथा छात्र को उम्मीद है कि इस मुलाकात के बाद छात्रों की मांगों पर ध्यान दिया जाएगा। इसी के साथ प्रशांत किशोर ने यह भी ऐलान किया था कि उनका आमरण अनशन जारी रहेगा।