बंबई हाई कोर्ट ने रेप के दोषी की मौत की सजा का प्रावधान बरकरार रखा

By स्वाति सिंह | Published: June 3, 2019 12:46 PM2019-06-03T12:46:53+5:302019-06-03T12:46:53+5:30

दिल्ली में 2012 में 23 वर्षीय छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के बाद यह संशोधन हुआ था। कोर्ट ने कहा, 'हमारा विचार है कि आईपीसी की धारा 376 (ई) संविधान के दायर से बाहर नहीं है इसलिए मौजूदा मामले में उसे खारिज नहीं किया जाएगा।'

Bombay High Court upheld the death sentence of raped convict | बंबई हाई कोर्ट ने रेप के दोषी की मौत की सजा का प्रावधान बरकरार रखा

तीनों ने आईपीसी की उस धारा की संवैधानिकता को चुनौती दी थी जिसके तहत उन्हें 2014 में मौत की सजा सुनाई गई।

बंबई हाई कोर्ट ने सोमवार को बार-बार बलात्कार के दोषी को उम्रकैद या मौत की सजा देने के लिए आईपीसी की धारा में किए गए संशोधन की संवैधानिकता की पुष्टि की। 

न्यायमूर्ति बीपी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे ने शक्ति मिल्स सामूहिक बलात्कार कांड के तीन दोषियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। 

तीनों ने आईपीसी की उस धारा की संवैधानिकता को चुनौती दी थी जिसके तहत उन्हें 2014 में मौत की सजा सुनाई गई। भारतीय दंड सहिता की धारा 376 (ई) में संशोधन के तहत बार-बार बलात्कार का अपराध करने वाले दोषी को उम्रकैद या मौत की सजा हो सकती है। 

दिल्ली में 2012 में 23 वर्षीय छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के बाद यह संशोधन हुआ था। कोर्ट ने कहा, 'हमारा विचार है कि आईपीसी की धारा 376 (ई) संविधान के दायर से बाहर नहीं है इसलिए मौजूदा मामले में उसे खारिज नहीं किया जाएगा।'

Web Title: Bombay High Court upheld the death sentence of raped convict

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