लड़की किसी लड़के से दोस्ताना व्यवहार कर रही है, महज इसे यौन संबंध बनाने की सहमति नहीं माना जा सकता, बंबई उच्च न्यायालय ने कहा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 28, 2022 02:07 PM2022-06-28T14:07:01+5:302022-06-28T14:07:53+5:30
न्यायमूर्ति भारती डांगरे ने कहा, ‘‘किसी लड़की के साथ महज दोस्ताना रिश्ता होने से किसी लड़के को उसे हल्के में लेने की और इसे उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की सहमति मानने की अनुमति नहीं मिल जाती।’’
मुंबईःबंबई उच्च न्यायालय ने कहा है कि कोई लड़की किसी लड़के से दोस्ताना व्यवहार कर रही है, महज इसे यौन संबंध बनाने की लड़की की सहमति नहीं माना जा सकता। अदालत ने शादी का झांसा देकर एक महिला से संबंध बनाने के आरोपी व्यक्ति की गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति भारती डांगरे की अध्यक्षता वाली एकल पीठ ने 24 जून को पारित आदेश में यह बात कही। उन्होंने शादी का झांसा देकर एक महिला से दुष्कर्म करने के आरोपी शहर निवासी आशीष चकोर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। महिला की शिकायत के अनुसार चकोर के साथ उसका बर्ताव मित्रवत था लेकिन चकोर ने उसे शादी का वादा करके शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहा।
महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि चकोर ने उसके साथ जबरदस्ती की। शिकायत के अनुसार जब महिला गर्भवती हो गयी तो आरोपी शादी करने के वादे से मुकर गया। हालांकि चकोर ने यह दलील देते हुए गिरफ्तारी से संरक्षण की मांग की थी कि महिला ने सहमति से संबंध बनाये थे।
न्यायमूर्ति डांगरे ने कहा, ‘‘किसी लड़की के साथ महज दोस्ताना रिश्ता होने से किसी लड़के को उसे हल्के में लेने की और इसे उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की सहमति मानने की अनुमति नहीं मिल जाती।’’ पीठ ने कहा कि चकोर के खिलाफ आरोपों की पुलिस द्वारा और पड़ताल की जरूरत है और पता लगाना होगा कि क्या महिला को संबंध बनाने के लिए सहमति देने को बाध्य किया गया।