पीड़िता के सहमत होने भर से बलात्कार के मामले को रद्द नहीं किया जा सकता, बंबई उच्च न्यायालय ने टी-सीरीज के मालिक भूषण कुमार केस पर कहा...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 27, 2023 15:27 IST2023-04-27T15:25:51+5:302023-04-27T15:27:14+5:30

न्यायमूर्ति ए एस गडकरी और पी डी नाइक की खंडपीठ ने कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से सहमति दे देना बलात्कार का आरोप लगाने वाली प्राथमिकी को रद्द करने का पर्याप्त आधार नहीं है।

Bombay High Court Refuses To Cancel Rape Case Against T-Series Owner Bhushan Kumar case rape cannot be cancelled merely because victim granted her consent do so | पीड़िता के सहमत होने भर से बलात्कार के मामले को रद्द नहीं किया जा सकता, बंबई उच्च न्यायालय ने टी-सीरीज के मालिक भूषण कुमार केस पर कहा...

प्राथमिकी की सामग्री, रिकॉर्ड किए गए बयानों को देखना होगा कि अपराध जघन्य था या नहीं।

Highlightsपीड़िता ने अपनी शिकायत वापस ले ली और प्राथमिकी रद्द करने के लिए सहमति दे दी है। भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) के तहत प्राथमिकी को रद्द कर दिया जाना चाहिए।प्राथमिकी की सामग्री, रिकॉर्ड किए गए बयानों को देखना होगा कि अपराध जघन्य था या नहीं।

मुंबईः बंबई उच्च न्यायालय ने टी-सीरीज के मालिक भूषण कुमार के खिलाफ दर्ज बलात्कार की प्राथमिकी को रद्द करने में अनिच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि बलात्कार के मामले को सिर्फ इसलिए रद्द नहीं किया जा सकता, क्योंकि पीड़िता ने ऐसा करने के लिए सहमति दे दी है।

कुमार ने याचिका दायर कर प्राथमिकी को इस आधार पर रद्द करने की मांग की थी कि पीड़िता ने अपनी शिकायत वापस ले ली और प्राथमिकी रद्द करने के लिए सहमति दे दी है। न्यायमूर्ति ए एस गडकरी और पी डी नाइक की खंडपीठ ने कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से सहमति दे देना बलात्कार का आरोप लगाने वाली प्राथमिकी को रद्द करने का पर्याप्त आधार नहीं है।

अदालत ने कहा, “पक्षों में सहमति बन जाने का मतलब यह नहीं है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) के तहत प्राथमिकी को रद्द कर दिया जाना चाहिए। हमें प्राथमिकी की सामग्री, रिकॉर्ड किए गए बयानों को देखना होगा कि अपराध जघन्य था या नहीं।” अदालत ने कहा कि इस मामले की सामग्री को देखने से नहीं लगता है कि रिश्ता सहमति से बनाया गया था।

कुमार के वकील निरंजन मुंदरगी ने अदालत को बताया कि 2017 में कथित तौर पर हुई घटना के लिए जुलाई 2021 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने संबंधित मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष ‘बी-समरी’ रिपोर्ट (आरोपी के खिलाफ झूठा मामला या कोई मामला नहीं बनाता) दायर की थी। मजिस्ट्रेट की अदालत ने अप्रैल 2022 में पुलिस की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। 

Web Title: Bombay High Court Refuses To Cancel Rape Case Against T-Series Owner Bhushan Kumar case rape cannot be cancelled merely because victim granted her consent do so

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