मुंबई हाईकोर्ट ने 14,000 करोड़ रुपये की मुंबई तटीय सड़क परियोजना के लिये दी गयी तटीय विनियमन क्षेत्र (कोस्टल रेगुलेशन जोन- CRZ) मंजूरी को रद्द किया। यह आदेश कुछ गैर सरकारी संगठनों (NGO) और स्थानीय निवासियों द्वारा दायर कई याचिकाओं पर आया है।
हाईकोर्ट ने अप्रैल में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को परियोजना पर आगे काम करने से रोक दिया था, जिसके बाद नगर निगम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने मई महीने में निगम को मौजूदा काम को जारी रखने की अनुमति देते हुए उसे कोई नया काम शुरू करने से रोक दिया था। शीर्ष अदालत ने अंतिम सुनवाई के लिये इस संबंध में हाईकोर्ट को याचिकाओं पर सुनवाई करने का निर्देश दिया था।
याचिकाकर्ताओं ने किसी तरह के सुधार और परियोजना के लिये निर्माण कार्य को इस प्राथमिक आधार पर चुनौती दी थी कि यह समुद्र तट के लिये नुकसानदायक होगा और इससे तटों के आस-पास रहने वाले समुद्री जीवन तथा मछुआरों की आजीविका पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि परियोजना से तटीय पारिस्थितिकीतंत्र को क्षति पहुंचेगी और इसकी वजह से मछुआरा समुदाय अपने आजीविका के स्रोत से वंचित हो जायेगा।
बीएमसी ने उस दौरान हाईकोर्ट को बताया था कि परियोजना के लिये उसके पास सभी आवश्यक अनुमति हैं। बीएमसी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता डेरियस खंबाटा ने दलील दी थी कि तटीय सड़क परियोजना मुंबई में यातायात जाम की समस्या के मुद्दे को सुलझाने का प्रयास करती है।(एजेंसी इनपुट)