मुंबई में बीएमसी ने चुनाव से ठीक पहले जारी किया फरमान, 'दुकानों के साइनबोर्ड मराठी में होने चाहिए'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 6, 2022 09:43 PM2022-04-06T21:43:56+5:302022-04-06T21:50:34+5:30
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि मुंबई शहर में लगे सभी साइनबोर्ड मराठी भाषा में लिखे होने चाहिए। इसके साथ ही बीएमसी ने यह आदेश भी जारी किया है कि मुंबई में किसी भी शराब की दुकान या बार का नाम किसी महापुरुष या ऐतिहासिक जगहों के नाम पर नहीं होने चाहिए।
मुंबई: देश की सबसे धनी नगर निकाय बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने बुधवार को एक फरमान जारी करते हुए आदेश दिया कि शहर की सभी दुकानों और स्कूलों समेत अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर लगे साइनबोर्ड को मराठी भाषा में लिखा जाना चाहिए। बताया जा रहा है कि शिवसेना संचालित बीएमसी ने आगामी निकाय चुनाव को देखते हुए यह फैसला लिया है।
साइनबोर्ड को मराठी में होने के अलावा बीएमसी ने यह आदेश भी जारी किया है कि मुंबई में किसी भी शराब की दुकान या बार का नाम किसी महापुरुष या ऐतिहासिक जगहों के नाम पर नहीं होने चाहिए।
बीएमसी ने इस आशय से संबंधित जो आदेश निकाला है, उसमें स्पष्ट तौर से कहा गया है कि यदि किसी दुकान के साइनबोर्ड पर मराठी के अलावा अन्य भाषा में नाम लिखा हो तो मराठी में लिखे नाम को का फ़ॉन्ट बड़ा होना चाहिए।
इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर बीएमसी का आदेश नहीं माना जाएगा तो संबंधित दुकानों पर महाराष्ट्र दुकान और प्रतिष्ठान (रोजगार और सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 के तहत आदेश के अवहेलना की कार्रवाई की जाएगी।
माना जा रहा है कि इस साल होने वाले बीएमसी चुनाव को देखते हुए शिवसेना एक भार फिर मराठी भाषा को प्राथमिकता दे रही है, जो मूलरूप से शिवसेना का राजनीतिक मुद्दा रहा है।
मालूम हो कि मार्च 2022 में महाराष्ट्र एसेंबली ने एक कानून पारित किया था, जिसनमें कहा गया था मुंबई की सभी दुकानों और व्यावसायित प्रतिष्ठानों के साइनबोर्ड पर मराठी भाषा में नाम लिखने को अनिवार्य कर दिया था।
बीते शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि सरकार 'आधिकारिक मराठी' को और सुगम बनाने के लिए काम कर रही है क्योंकि कई मौकों पर आधिकारिक मराठी समझ से परे होती है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा था, ''अंग्रेजी का ज्ञान बहुत जरूरी है। मुझे किसी भी भाषा से नफरत नहीं है, लेकिन मैं किसी भी कीमत पर मराठी का अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा।"