भाजपा महाराष्ट्र सरकार को गिराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का कर रही ‘‘इस्तेमाल’’ : संजय राउत

By भाषा | Updated: December 28, 2020 18:43 IST2020-12-28T18:43:22+5:302020-12-28T18:43:22+5:30

BJP "using" central agencies to topple Maharashtra government: Sanjay Raut | भाजपा महाराष्ट्र सरकार को गिराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का कर रही ‘‘इस्तेमाल’’ : संजय राउत

भाजपा महाराष्ट्र सरकार को गिराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का कर रही ‘‘इस्तेमाल’’ : संजय राउत

मुंबई, 28 दिसंबर शिवसेना के सांसद संजय राउत ने सोमवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को ‘‘अस्थिर’’ करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का ‘‘इस्तेमाल’’ किया जा रहा है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राउत की पत्नी को एक मामले में तलब किया है, जिसके बाद संजय राउत ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है।

राउत ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा नेताओं के पास कांग्रेस और राकांपा के 22 विधायकों की सूची है ‘‘जिनके बारे में दावा था कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के दबाव में वे इस्तीफा दे देंगे।’’

शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस घटक है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद के बाद शिवसेना और भाजपा के रास्ते अलग हो गए थे। इसके बाद महा विकास आघाड़ी सरकार का गठन हुआ था।

राउत ने कहा, ‘‘भाजपा के कुछ नेता पिछले एक साल से मुझसे संपर्क कर कह रहे हैं कि उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करने के लिए सारे इंतजाम कर लिए हैं। सरकार का समर्थन नहीं करने के लिए वे मुझपर दबाव बना रहे हैं और धमका रहे हैं।’’

राउत ने कहा, ‘‘उन्होंने (भाजपा नेताओं ने) मुझसे कहा कि उनके पास कांग्रेस और राकांपा के 22 विधायकों की सूची है जो कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के दबाव में इस्तीफा दे देंगे।’’

अधिकारियों ने रविवार को बताया था कि प्रवर्तन निदेशालय ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को पीएमसी बैंक धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए 29 दिसंबर को तलब किया है। तीसरी बार उनको तलब किया गया है इससे पहले दो मौके पर उन्होंने स्वास्थ्य का हवाला देकर आने से इनकार कर दिया था।

राउत ने कहा कि वह बालासाहेब ठाकरे के शिवसैनिक हैं और भाजपा नेताओं की ‘‘पोल’’ खोलेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘उन सबको नीरव मोदी और विजय माल्या की तरह देश छोड़कर भागना पड़ेगा।’’

राउत ने दावा किया कि उनके पास भाजपा के 120 नेताओं की सूची है जिनके खिलाफ धन शोधन मामले में ईडी को जांच करनी चाहिए।

राउत ने कहा, ‘‘ मेरी पत्नी शिक्षिका हैं, भाजपा के नेताओं की तरह हमारी संपत्ति बढ़कर 1600 करोड़ रुपये नहीं हो गयी है।’’

ईडी द्वारा उनकी पत्नी को तलब किए जाने संबंधी सवाल पर राउत ने आरोप लगाया कि (भाजपा के) राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के परिवार के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का ‘हथियार’ की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।

राउत ने संवाददाताओं से कहा कि ईडी की कार्रवाई उनके खिलाफ भाजपा की ‘हताशा’ को दिखाता है क्योंकि उन्होंने पिछले साल महा विकास आघाड़ी सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी और किसी भी दबाव के आगे नहीं झुके।

राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘मेरी पत्नी ने 10 साल पहले एक मकान खरीदने के लिए एक दोस्त से 50 लाख रुपये का कर्ज लिया था। उस संबंध में पिछले डेढ़ महीने से प्रवर्तन निदेशालय के साथ लगातार पत्र-व्यवहार हुआ है।’’

उन्होंने कहा कि पत्र-व्यवहार के दौरान इस कर्ज राशि को लेकर सभी विवरण ईडी को मुहैया करा दिए गए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘हम मध्यवर्गीय परिवार से हैं। मेरी पत्नी ने मकान खरीदने के लिए 10 साल पहले एक दोस्त से कर्ज लिया था। विवरण आयकर विभाग को दिए गए थे और राज्यसभा चुनाव के लिए शपथपत्र में भी मैंने इसका जिक्र किया। दस साल बाद ईडी की नींद खुली है।’’

संजय राउत ने कहा, ‘‘जब ईडी ने पत्र व्यवहार में पीएमसी बैंक मामले और एचडीआईएल के मामले का जिक्र ही नहीं किया तो भाजपा के नेता ऐसा कैसे कह सकते हैं।’’

राउत ने कहा कि उनके खिलाफ 27 दिसंबर से बोल रहे भाजपा नेताओं का (दक्षिण मुंबई में) ईडी कार्यालय आना-जाना लगा रहता है और ‘‘वे कार्यालय से कुछ कागजात ले गए हैं।’’ उन्होंने नेताओं के नाम नहीं बताए।

राउत ने कहा, ‘‘आप नोटिस भेजिए या हमें गिरफ्तार करें, सरकार बनी रहेगी।’’

राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने उनसे कहा है कि पार्टी ऐसे कदमों से नहीं डरती है और सामने से लड़ेगी।

इससे पहले, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने केंद्र पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भाजपा की नीतियों या नेताओं के खिलाफ बोलने वालों को केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के नेताओं या उनकी नीतियों के खिलाफ बोलने वालों को ईडी या सीबीआई का सामना करना पड़ रहा है। जहां तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की बात है, हमने फैसला किया था कि एजेंसी को महाराष्ट्र में किसी भी तरह की जांच के पहले राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी।’’

देशमुख ने कहा, ‘‘हालांकि, ईडी को जांच के आदेश देने का अधिकार उनके (केंद्र सरकार के) पास है लेकिन राजनीतिक मकसद से इन अधिकारों का इस्तेमाल महाराष्ट्र में पहले कभी नहीं हुआ था।’’

राकांपा के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने संवाददाताओं से कहा कि अब कई लोगों को ईडी के नोटिस मिल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसके (ऐसे नोटिस मिलने के) पीछे राजनीतिक कारण हो सकते हैं या कुछ और भी...। जो भी हो, तथ्य सामने आएंगे। मैं इस कार्रवाई का कुछ और मतलब नहीं निकालना चाहता हूं।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है, इस पर पटेल ने कहा, ‘‘हमलोग इन चीजों को अन्यथा नहीं लेते हैं। ऐसी चीजें होती हैं... कार्रवाई होती है... हम प्रक्रिया का पालन करते हैं।’’

युवा सेना के अध्यक्ष और राज्य के मंत्री आदित्य ठाकरे ने ईडी की कार्रवाई को राजनीति से ‘‘प्रेरित’’ बताया।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने कहा, ‘‘ईडी का कदम राजनीतिक रूप से प्रेरित है। हम भयभीत नहीं हैं। एमवीए (महा विकास आघाड़ी) सरकार स्थिर है।

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