नयी दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के ‘राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) से जुड़े आरोपों को लेकर शनिवार को पलटवार किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि क्या आरजीएफ द्वारा चीन को पैसा लौटा देने से लद्दाख में चीनी सेना का अतिक्रमण खत्म हो जाएगा और पूर्व की यथास्थिति बहाल हो जाएगी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा अर्धसत्य बोलने में माहिर हैं। मेरे सहयोगी रणदीप सुरजेवाला ने कल उनकी आधी सच्चाई उजागर की।’’
पूर्व गृह मंत्री ने सवाल किया, ‘‘आरजीएफ को 15 साल पहले मिले अनुदान का मोदी सरकार के तहत 2020 में चीन के भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने से क्या लेनादेना है? मान लीजिए कि आरजीएफ 20 लाख रुपये लौटा देती है, तो क्या प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी देश को भरोसा दिलाएंगे कि चीन अपना अतिक्रमण खाली करेगा और पूर्व की यथास्थिति बहाल करेगा?’’ उन्होंने कहा, ‘‘नड्डा जी, वास्तविकता के धरातल पर आइए, अर्धसत्य वाले अतीत में मत रहिए। कृपया भारतीय क्षेत्र में चीनी घुसपैठ पर हमारे सवालों के जवाब दीजिए।’’
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि जब कांग्रेस-नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सत्ता में था तब प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से एक ‘‘परिवार द्वारा संचालित’’ राजीव गांधी फाउंडेशन को दान राशि मिली थी।
नड्डा का कांग्रेस पर आरोप
नड्डा ने ट्वीट कर इसे ‘‘धोखाधड़ी’’ करार दिया और कहा कि ऐसा कर जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम किया गया। उन्होंने अपने आरोपों को बल देने के लिए कुछ दस्तावेज भी अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किए। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच गतिरोध को लेकर कांग्रेस केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर है। इसके मद्देनजर नड्डा ने भी अब आक्रामक रवैया अपना लिया है। उन्होंने कल ही एक डिजिटल रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस और गांधी परिवार पर सीधे आरोप लगाए थे। नड्डा ने अपने हमलावार रवैये को जारी रखते हुए कांग्रेस पर चीनी दूतावास से फाउंडेशन को बड़ी दान राशि मिलने का आरोप लगाया था।
कांग्रेस ने हालांकि इन आरोपों को भाजपा की ‘‘चालाकी’’ और उसका ‘‘द्वेषपूर्ण खेल’’ करार दिया तथा कहा कि चीन ने सीमा पर कथित तौर पर जो हमारी जमीन पर कब्जा किया है, यह उससे जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश है। नड्डा ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘पीएमएनआरएफ जोकि संकट की घड़ी में लोगों की मदद करने के लिए है, वह संप्रग कार्यकाल के दौरान राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसे दान कर रहा था। पीएमएनआरएफ के बोर्ड में कौन बैठा था, सोनिया गांधी। राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्षता कौन करता है, सोनिया गांधी। यह पूरी तरह से निंदनीय है। नीति और प्रक्रियाओं के खिलाफ है। पारदर्शिता को ताक पर रख दिया गया।’’
(भाषा इनपुट के साथ )