बीजेपी ने अपने सांसदों से मांगी गांधी संकल्प यात्रा पर विस्तृत रिपोर्ट, कुछ के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई!
By नितिन अग्रवाल | Published: November 12, 2019 07:55 AM2019-11-12T07:55:46+5:302019-11-12T08:13:53+5:30
Gandhi Sankalp Yatra: बीजेपी ने अपने सासंदों से 2 अक्टूबर से शुरू हुई गांधी संकल्प यात्रा पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, कुछ सांसदों के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई
नई दिल्ली। भाजपा ने अपने सभी सांसदों से महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर चलाई गई गांधी संकल्प यात्रा के तहत आयोजित सभी कार्यक्रमों पर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। सांसदों को इसके लिए 18 नवंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र तक का समय दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा इस रिपोर्ट के आधार पर सांसदों के कामकाज का आकलन कर सकते हैं। सांसदों से प्रधानमंत्री के आह्वान पर आयोजित इन कार्यक्रमों की तस्वीरें, वीडियो कवरेज और स्थानीय समाचारपत्रों में इस बारे में प्रकाशित समाचारों सहित यह रिपोर्ट पार्टी मुख्यालय और संसदीय पार्टी के कार्यालय में जमा कराने को कहा गया है।
बीजेपी की गांधी संकल्प यात्रा 31 जनवरी तक चलेगी
2 अक्तूबर से शुरू हुई भाजपा की गांधी संकल्प यात्रा 31 जनवरी तक चलेगी। इससे पहले इसे 31 अक्तूबर तक रखा गया था, लेकिन राज्यों के चुनाव में सांसदों की व्यस्तता को देखते हुए इसे तीन महीनों के लिए बढ़ाया गया था। इस यात्रा के माध्यम से भाजपा बापू के अहिंसा, स्वराज और सादगी के मंत्र को लोगों को फिर से याद कराना चाहती है। इसके तहत भाजपा नेताओं से रैलियां, जनसभाएं, प्रभात फेरियां और प्रेस वार्ताओं सरीखे कार्यक्रम आयोजित करने को कहा गया था।
इसके अतिरिक्त सांसदों से अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में 15 दिन की पदयात्रा के माध्यम से जनसंपर्क कर बापू की विचारधारा के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत मिशन, सिंगल यूज प्लास्टिक का त्याग और खादी अपनाने को लोगों तक पहुंचाने को कहा गया था। इसकी जिम्मेदारी भाजपा महासचिव अरुण सिंह को दी गई थी। उनकी देखरेख में 10 सदसीय समिति बनाई गई थी।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। जानकारी के अनुसार भोपाल से सांसद प्रज्ञा ठाकुर सहित पार्टी के कुछ अन्य सांसदों ने प्रधानमंत्री के आह्वान के बावजूद गांधी संकल्प यात्रा में शामिल होने में रुचि नहीं दिखाई। माना जा रहा है कि ऐसे सांसदों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कोई फैसला किया जा सकता है।