बिहार में भाजपा ने खेला सोशल समीकरण का खेल, विधान परिषद में हरि सहनी को बनाया नेता प्रतिपक्ष
By एस पी सिन्हा | Published: August 20, 2023 03:34 PM2023-08-20T15:34:49+5:302023-08-20T15:34:49+5:30
सम्राट चौधरी को बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के लिए नए नाम की चर्चा हो रही थी।
पटना:बिहार में भाजपा ने बड़ा फैसला लेते हुए बिहार विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष को बदल दिया है। अब बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष नहीं होंगे। सम्राट चौधरी की जगह हरि सहनी को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। सम्राट चौधरी को बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के लिए नए नाम की चर्चा हो रही थी।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा की मौजूदगी में खुद बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इसका ऐलान किया। हरि साहनी दरभंगा में भाजपा के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्होंने 2005 में विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में केवटी विधानसभा से उम्मीदवार के रूप में हरि सहनी के नाम की घोषणा हुई। बाद में उनका टिकट कट गया था। 2022 में वह एमएलसी बने थे।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि पार्टी की सहमति से फैसला लिया है। आज से बिहार विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष हरि सहनी होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यहां की जनता की चिंता ही नहीं है। पिछले कई महीनों से लगातार बिहार की जनता पर हमला हो रहा है। नीतीश जी आराम से चैन की नींद सो रहे हैं। उनसे कुछ भी पूछने पर वह बार-बार कहते हैं कि उनको कुछ जानकारी नहीं है। बिहार में कैसी स्थिति है, अब भाजपा उन्हें अलग से एक चश्मा उपलब्ध कराना चाहती है। जिस तरीके से आप बिहार में गवाह की हत्या हो रही है। इससे यह स्पष्ट है कि बिहार पुलिस संरक्षण देने में पूरी तरीके से विफल है। पत्रकार विमल कुमार यादव की हत्या हुई वह भी एक गवाह के तौर पर थे। बेगूसराय में भी जो पिता और पुत्र की हत्या हुई, वे भी गवाह थे। बिहार में पूर्ण रूप से कानून का राज्य समाप्त हो गया है।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के बाद विधान पार्षद हरि सहनी ने कहा कि गांव के लोग कहते हैं कि जब वह शुरू में मुख्यमंत्री बने थे, तब हमें बहुत ज्यादा गर्व हुआ था। अब जब गांव नहीं पूरे देश के लोगों ने पलटू राम कहते हैं तब उन्हें खराब लगता है। इतना अच्छा से बिहार चल रहा था, लेकिन अचानक से उनके मन में आया कि मैं प्रधानमंत्री बनूं। उनके मन में था कि एक गुजरात के मुख्यमंत्री, जो धीरे-धीरे देश के प्रधानमंत्री बन गए। तो मैं भी इसके लिए प्रयास करके देखता हूं।