बिहार में भाजपा ने नीतीश कुमार के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- यहां 70-30 की लड़ाई होगी
By एस पी सिन्हा | Published: July 17, 2023 04:41 PM2023-07-17T16:41:17+5:302023-07-17T16:41:17+5:30
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार विपक्षी दलों की बैठक से निराश हैं। कोई उनको नेता मानने के लिए तैयार नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने के लिए कुछ दल कम पड़ जाएं तो पाकिस्तान से भी पार्टी बुला लेनी चाहिए।
पटना: बेंगलुरू में विपक्षी एकता की हो रही बैठक पर तंज कसते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोई फैक्टर नहीं हैं। लालू प्रसाद गारंटर की भूमिका में हैं। उन्होंने कहा लालू यादव बिहार के लिए फैक्टर हैं। लेकिन लालू प्रसाद से भाजपा लड़ लेगी। कहीं कोई इश्यू नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि बिहार में क्या फर्क पड़ता है। ममता दीदी कितना वोट दिला देंगी? यहां 70-30 की लड़ाई होगी। 30 फीसदी वाला लड़ते रहे, जितना दिन चाहे।
दरअसल, सम्राट चौधरी से यह सवाल किया गया कि आज विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने के लिए नीतीश और लालू एक साथ बेंगलुरु गए हैं। तो इसके जवाब में सम्राट ने कहा कि गारंटर भी साथ गए हैं। स्वाभाविक है लालू यादव के बिना नीतीश कुमार का क्या रोल है। नीतीश कुमार अब कहीं की राजनीति के लिए कोई फैक्टर नहीं है। लालू यादव थोड़ा असर डालते हैं, लेकिन लालू यादव से हम लोग लड़ लेंगे। ठीक ठाक से लड़ लेंगे। आराम से लड़ लेंगे। इसको लेकर कहीं कोई टेंशन नहीं है।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार विपक्षी दलों की बैठक से निराश हैं। कोई उनको नेता मानने के लिए तैयार नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने के लिए कुछ दल कम पड़ जाएं तो पाकिस्तान से भी पार्टी बुला लेनी चाहिए। वहीं, शरद पवार को लेकर सम्राट ने कहा कि शरद पवार महाराष्ट्र के नेता हैं। ये बिहार के नेता थोड़े हैं। ये लोग कितना भी बैठक कर ले कुछ नहीं होने वाला है। देश में एक बार फिर से मोदी की सरकार आने वाली है।
इधर, एनडीए की बैठक को लेकर सम्राट ने कहा कि इसके लेकर हमारे सभी सहयोगियों से बातचीत चल रही है। धीरे-धीरे स्थिति स्पष्ट हो रही है, कल अच्छे से बैठक होगी और देश के प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एनडीए पूरी तरह से एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे। चिराग पासवान और पशुपति पारस को लेकर भी कोई संशय नहीं है। इन लोगों से बातचीत चल रही है, जल्द ही सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।