SC/ST कानून पर नरेंद्र मोदी सरकार के रुख से नाखुश बीजेपी सांसद, एक अप्रैल से यूपी में करेंगी विरोध रैलियाँ
By पल्लवी कुमारी | Updated: March 28, 2018 11:58 IST2018-03-28T11:52:23+5:302018-03-28T11:58:50+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST (Prevention of Atrocities) अधिनियम 1989 में फैसला सुनाया है कि ऑटोमैटिक गिरफ्तारी नहीं होगी। इस कानून को लेकर विपक्षी के साथ-साथ बीजेपी के कुछ नेता भी विरोध कर रहे हैं।

SC/ST कानून पर नरेंद्र मोदी सरकार के रुख से नाखुश बीजेपी सांसद, एक अप्रैल से यूपी में करेंगी विरोध रैलियाँ
लखनऊ, 28 मार्च; उत्तर प्रदेश के बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले केंद्र सरकार के SC/ST कानून के खिलाफ हो गई हैं। सावित्री बाई फुले केंद्र सरकार के SC/ST कानून के खिलाफ एक अप्रैल को लखनऊ में रैली करेंगी। सावित्री बाई फुले पिछले तीव महीने से SC/ST को नौकरी और प्रमोशन में आरक्षण के मांग के लिए बहराइच में आंदोलन शुरू किया था।
सावित्री बाई फुले ने घोषण की है कि एक अप्रैल से लेकर वह लखनऊ, बिजनौर, कन्नौज और कानपुर समेत वेस्ट यूपी के कई जिलों में रैली करेंगी। इनका कहना है कि नमो बुद्धाय सेवा समिति की तरफ से हमारा आंदोलन पूरे प्रदेश में चल रहा है। मैंने सदन में भी आवाज उठाई थी। लेकिन किसी ने नहीं सुनी। आरक्षण के खिलाफ चल रही साजिश को रोकने के लिए मैंने यह आंदोलन चलाया है।
BJP MP from Bahraich Savitri Bai Phule to hold a rally in Lucknow on 1st April against 'anti-SC/ST policies of Government of India' pic.twitter.com/H0VZb6PqyF
— ANI UP (@ANINewsUP) March 28, 2018
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति SC/ST (Prevention of Atrocities) अधिनियम 1989 में यह साफ किया था कि इस मामले में अब ऑटोमैटिक गिरफ्तारी नहीं होगी। इस कानून को लेकर विपक्षी के साथ-साथ बीजेपी के कुछ नेता भी विरोध कर रहे हैं।
-बीजेपी के एस टी मोर्चा के अध्यक्ष अरविंद नेताम ने कहा है कि सरकार से उनकी मांग है कि वह सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ एक रिव्यू पिटीशन दायर करें।
- जेपी के सहयोगी दल भी पार्टी से कानून पर पुनर्विचार करने की बात कही है।
-केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान और एक दलित संगठन ने पुनर्विचार के लिए यथा शीघ्र याचिका दायर करने का केन्द्र से अनुरोध किया है। रामविलास पासवान ने कहा कि शीर्ष अदालत के इस फैसले से अनुसूचित जाति और जनजातियों में बहुत अधिक नाराजगी है और सरकार को जल्द पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए। पासवान ने कहा कि इस मामले में उनकी पार्टी भी पुनर्विचार याचिका दायर करेगी।