गाय और सूअर का मांस खाते थे नेहरू, पंडित नहीं हो सकतेः BJP MLA ज्ञानदेव आहूजा
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: August 11, 2018 14:45 IST2018-08-11T12:09:47+5:302018-08-11T14:45:34+5:30
ज्ञानदेव आहूजा राजस्थान के अलवर जिले के रामगढ़ विधानसभा से बीजेपी के विधायक हैं।

गाय और सूअर का मांस खाते थे नेहरू, पंडित नहीं हो सकतेः BJP MLA ज्ञानदेव आहूजा
अलवर, 11 अगस्तः भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राजस्थान के अलवर जिले के रामगढ़ विधानसभा सीट से विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को लेकर एक विवादित बयान दिया है। आहूजा कहना है कि जवाहलाल पंडित नहीं हो सकते। जो कोई व्यक्ति गाय और सूअर का मांस खाया हो वह कभी पंडित हो नहीं सकता।
उल्लेखनीय है कि बीजेपी विधायक लगातार अपने बयानों से सुर्खियों में रहते हैं। हाल ही उन्होंने यह कहकर सुर्खियां बटोरी थीं कि गोहत्या आतंकवाद से बड़ी समस्या है। उल्लेखनीय है राष्ट्रीय मीडिया में उनका उभार जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में रोजाना हजारों निरोध और शराब की बोतलें मिलने का बयान दिया था।
#WATCH: BJP MLA Gyan Dev Ahuja says, "Nehru was not a Pandit. One who ate beef and pork, cannot be a Pandit". (10.08.18) pic.twitter.com/faltELOAgr
— ANI (@ANI) August 11, 2018
इसके बाद अप्रैल 2017 में अलवर में किसान पहलू खान की हुई हत्या पर उनका बयान खूब सुर्खियां बटोरा। तब उन्होंने कहा था, हमें कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए। लेकिन पहलू खान की मौत पर उन्हें कोई खेद नहीं है। गोतस्करी और गोहत्या करने वालों का यही अंजाम होगा।
इसी तरह दिसंबर 2017 में जब फिर से अलवर में भीड़ ने एक शख्स के साथ हिंसा की तो उन्होंने बयान जारी किया, मेरा तो सीधा-सीधा कहना है गोतस्करी और गोहत्या करोगे तो यूं ही मरोगे। इसके बाद इस साल जब अलवर में रकबर खान की हत्या हुई तो ज्ञानदेव आहूजा पर आरोपियों को दबे सुर समर्थन देने के आरोप लगे।
इसके बाद एक-एक कर के वे बयान देते गए और सुर्खियों में छाए रहे। उन्होंने लव जिहाज के बारे में कहा कि हिन्दू लड़कियों को लव जिहाद के लिए प्रलोभन दिया जा रहा है। तब उन्होंने कहा कि मैं ऐसे लोगों को वक्त दे रहा कि हिन्दू लड़कियों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचा दे। नहीं तो मैं तुम्हें बता देता हूं, तुम्हारी लड़कियां भी सुरक्षित नहीं बचेंगी।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में कुछ महीनों बाद ही चुनाव होने हैं। ऐसे में राजस्थान के नेताओं के मुखर होने की कई और वजहें हो सकती हैं।
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों के लिए यहाँ क्लिक करे. यूट्यूब चैनल यहाँ सब्सक्राइब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट!