"भाजपा वालों को राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान में अंतर नहीं पता", सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ दल पर साधा निशाना
By राजेंद्र कुमार | Updated: November 10, 2025 18:02 IST2025-11-10T18:02:28+5:302025-11-10T18:02:28+5:30
अखिलेश यादव ने वोटर लिस्ट की समीक्षा यानी एसआईआर पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा और प्रदेश सरकार सब मैनेज कर रही है.

"भाजपा वालों को राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान में अंतर नहीं पता", सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ दल पर साधा निशाना
लखनऊ: बिहार में चुनाव प्रचार खत्म हुआ तो अब समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव यूपी की राजनीति पर अपना ध्यान केन्द्रित कर दिया है. इसके तहत ही सोमवार को अखिलेश यादव ने केंद्र और प्रदेश की सरकार पर किसानों को वोट लेने के लिए गुमराह करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश की सरकार ने किसानों को झूठा आश्वासन दिया. उनसे कहा कि आपकी आय दोगुनी हो जाएगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. आज महंगाई चरम पर हैं. डीजल, पेट्रोल महंगा हो गया. घर बनाना महंगा हो गया. रुपया तो इन्होंने नोटबंदी से एकत्रित कर लिया है और अब इनकी नजर सोने पर है. मुझे लगता है भाजपा सोना एकत्रित कर रही है. तभी तो महंगा हो रहा है. आखिर कहां जा रहा है सोना फिर? आज गरीब आदमी सोने की छोटी की चीज भी बेटी को शादी में नहीं दे पा रहा है. क्योंकि इतना महंगा जो हो गया है.
महंगा सोने अखिलेश का हथियार बना
सोना महंगा होने का जिक्र अखिलेश यादव ने बिहार में अपनी हर चुनावी सभा में किया था. इसके बाद सोमवार को उन्होंने यहां मीडिया से बात करते हुए इसे फिर दोहराया. वास्तव में सोने के महंगा होने का जिक्र कर अखिलेश यादव जनता को भाजपा के खिलाफ एकजुट करने का हथियार मान रहे हैं. अखिलेश यादव का कहना है कि सोना भारत के हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है और मोदी सरकार में सोने के महंगा होने से हर व्यक्ति प्रभावित हो रहा है. जिस भी व्यक्ति को अपने बेटे-बेटी की शादी करनी होती है, उसे महंगा सोना दर्द दे रहा है. इसलिए सोने को हथियार बनाकर सोमवार को अखिलेश यादव के केंद्र और प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने किसानों का जिक्र, उद्योगों का जिक्र किस, पढ़ाई का जिक्र किया और वोटर लिस्ट पर सवाल खड़े किए. अब आगे भी इन सब बातों का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव योगी सरकार को घेरेंगे और बिहार की तरह ही यूपी में भी एसआईआर को मुद्दा बनाएंगे.
एसआईआर पर सवाल उठाए
यहां सोमवार को अखिलेश यादव ने वोटर लिस्ट की समीक्षा यानी एसआईआर पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा और प्रदेश सरकार सब मैनेज कर रही है. जबकि एसआईआर से बहुत शिकायतें हैं. इस कार्य में लगे चुनाव अधिकारियों में कोई पीडीए समाज का नहीं है. ईआरओ एक भी नहीं मिलेगा. हमारी पार्टी ने एक समीक्षा बैठक की और वोटर लिस्ट को लेकर चिंता जताई. अयोध्या के एक अधिकारी ने 2003 की मतदाता सूची मांगी तो ऐसी सूची दी गई जिसमें कुछ पन्ने गायब हैं और कुछ सूचियां पढ़ने लायक नहीं हैं. अखिलेश ने चुनाव आयोग से ऐसी वोटर लिस्ट अपलोड करने के लिए कहा जो क्लियर हो और आसानी से पढ़ी जा सके. ताकि बीएलओ नामों का सही ढंग से सत्यापन कर सकें. अखिलेश के अनुसार, अधिकारी भाजपा के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे थे.
कफ सिरफ की गड़बड़ी में भाजपा के लोग शामिल
अखिलेश यादव ने यूपी से बिहार भेजी का रही 35 हजार लीटर शराब पकड़े जाने का भी जिक्र किया. आखिर शराबबंदी वाले राज्य में चुनाव के पहले शराब कौन भेज रहा था? इसका पता लगाया जाना चाहिए क्योंकि शराब के जरिए वोट चोरी करने का भी प्रयास करने में यह लोग आगे हैं. यह कहते हुए अखिलेश यादव ने दावा किया कि कफ सिरफ की गड़बड़ी में भाजपा के लोग शामिल हैं. जौनपुर और बनारस में कफ सिरप का अवैध कारोबार हो रहा था, जो लोग इसमें लिप्त हैं सब भाजपा के हैं. यही नहीं प्रतापगढ़ में जिसके घर से ड्रग्स और पैसा जब्त हुआ है वह भी भाजपा नेता का है. अखिलेश ने वंदे मातरम के मामले पर भी बोले. उन्होंने कहा कि भाजपा वालों को राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान में अंतर नहीं पता है. ये इमोशन पर सरकार चला रहे हैं. नया-नया इमोशन ढूंढते हैं.