बिहार में शिक्षक नियुक्ति को लेकर भाजपा ने दिया नीतीश-तेजस्वी सरकार को अल्टीमेटम, कहा-सदन से सड़क तक होगा आंदोलन
By एस पी सिन्हा | Published: March 10, 2023 04:48 PM2023-03-10T16:48:32+5:302023-03-10T16:50:39+5:30
डा. जायसवाल ने कहा कि बिहार का पहला बजट है जो पिछले बजट से भी कम है। उन्होंने कहा कि सरकार की उधारी को हटा दीजिए तो यह बजट 2 लाख 38 हजार 327 करोड़ का बजट है, जो बिहार सरकार ने अनुपूरक मांगे रखी है, अगर उन राशियों को जोड़ दिया जाए तो 2023 का बजट पिछले साल के बजट की तुलना में 12 प्रतिशत कम है।

नीतीश-तेजस्वी
पटना: बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने शिक्षक नियुक्ति को लेकर नीतीश-तेजस्वी की सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर सरकार 15 मार्च तक शिक्षक नियुक्ति को लेकर कोई कदम नहीं उठाती है तो मुख्य विपक्षी दल भाजपा सड़क से लेकर सदन तक आन्दोलन करेगी। उन्होंने कहा कि 15 मार्च तक शिक्षकों के नौकरी कोई निदान नहीं निकाला गया तो भाजपा उनके साथ आंदोलन में कूद पड़ेगी।
नीतीश कुमार पर इस मसले को लेकर झूठ बोलने और शिक्षा मंत्री को मानसिक विकलांग बताते हुए डा. जायसवाल ने कहा, "आपके विकलांग शिक्षा मंत्री ने भी कहा कि मैंने नौकरी के लिए दस्तखत कर दिया। ऐसे में शिक्षक अभ्यर्थियों को और कितना बरगलइएगा?" भाजपा प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री मानसिक तौर पर विकलांग तो हैं ही अब मुख्यमंत्री भी झूठे हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल अप्रैल में आपने भाजपा से वादा किया था कि शिक्षकों को नौकरी देंगे। इसके लिए एनडीए सरकार में एक लाख से अधिक शिक्षकों को नौकरी देने की योजना थी। लेकिन आप बजट में पैसा नहीं दे रहे हैं तो शिक्षकों को नौकरी कहां से देंगे? बिहारी होने के नाते शिक्षकों को और एनडीए काल में नौकरी के लिए किए गए वादे को पूरा करें।
डा. जायसवाल ने कहा कि बिहार का पहला बजट है जो पिछले बजट से भी कम है। उन्होंने कहा कि सरकार की उधारी को हटा दीजिए तो यह बजट 2 लाख 38 हजार 327 करोड़ का बजट है, जो बिहार सरकार ने अनुपूरक मांगे रखी है, अगर उन राशियों को जोड़ दिया जाए तो 2023 का बजट पिछले साल के बजट की तुलना में 12 प्रतिशत कम है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि यह बताता है कि बिहार रसातल में जा रहा है। बिहार सरकार ने करेले पर नीम चढ़ाने का काम किया है।
ड.जायसवाल ने कहा कि बिहार कृषि प्रधान राज्य है। बिहार के बजट में कृषि को कुल बजट का 3.3 हिस्सेदारी दिया गया है जबकि यहां को अर्थव्यवस्था में कृषि की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत है। इसके साथ ही डा. जायसवाल ने कहा कि बिहार ने 1990 से 2005 का कार्यकाल देखा। इतना ही 2012 से 2017 का भी कार्यकाल देखा। महागठबंधन की सरकार का यह बजट झूठ बोल रहा है। बिहार की आमदानी का औसत 2012 से 2017 तक राष्ट्रीय औसत से कम था। जब बिहार में एनडीए की सरकार बनी तो बिहार की आमदनी का औसत राष्ट्रीय औसत से बढ़ गया। बिहार में भाजपा की सरकार ही राज्य का विकास कर सकती है।