बीजेपी का राहुल को तंज, सिख दंगों में कांग्रेस की पूरी मशीनरी लगी थी, नहीं मिलेगी पापों से मुक्ति
By भाषा | Published: August 28, 2018 08:24 AM2018-08-28T08:24:46+5:302018-08-28T08:24:46+5:30
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने दो दिवसीय ब्रिटेन दौर के पहले दिन ही यह कहकर विवाद को जन्म दे दिया है कि 1984 में हुए सिख दंगों में कांग्रेस के नेता शामिल नहीं थे।
नई दिल्ली, 28 अगस्त: भाजपा और इसके गठबंधन सहयोगी अकाली दल ने आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर उनकी इस टिप्पणी को लेकर निशाना साधा कि वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों में उनकी पार्टी शामिल नहीं थी। भाजपा और अकाली दल ने आरोप लगाया कि 1984 के नरसंहार में कांग्रेस की पूरी मशीनरी शामिल थी और उन्हें उनके पापों से मुक्ति नहीं मिल सकती। उन्होंने गांधी और उनके रुख का बचाव करने पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर हमला बोला और दावा किया कि अमरिंदर ने राज्य की जनता और देशभर के सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने दावा किया, ‘‘अमरिंदर सिंह से यह उम्मीद नहीं थी। एक सिख होने के नाते उन्हें इस मुद्दे पर 1984 के नरसंहार के षड्यंत्रकारियों के साथ खड़ा नहीं होना चाहिए था। पंजाब के मुख्यमंत्री ने अपने राज्य के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।’’
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव आर पी सिंह ने आरोप लगाया, ‘‘एक या दो हाथ नहीं, पूरी कांग्रेस मशीनरी राष्ट्रीय राजधानी में सिखों के खिलाफ 1984 के नरसंहार में लिप्त थी।’’
1984 में सिखों के कत्लेआम में कांग्रेस का हाथ नहीं था बल्कि पूरी की पूरी कांग्रेस उसमें संलिप्त थी : सरदार @rpsinghkhalsapic.twitter.com/Re3VhVwVZv
— BJP (@BJP4India) August 27, 2018
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने दो दिवसीय ब्रिटेन दौर के पहले दिन ही यह कहकर विवाद को जन्म दे दिया है कि 1984 में हुए सिख दंगों में कांग्रेस के नेता शामिल नहीं थे। हालाँकि राहुल गांधी ने सिख दंगों को बेहद दुखद बताते हुए उसके दोषियों को सजा देने का पूरी तरह समर्थन किया।
राहुल ने कहा, "मुझे लगता है कि किसी के भी खिलाफ कोई भी हिंसा गलत है। भारत में कानूनी प्रक्रिया चल रही है लेकिन जहां तक मैं मानता हूं उस समय कुछ भी गलत किया गया तो उसे सजा मिलनी चाहिए और मैं इसका 100 फीसदी समर्थन करता हूं।"
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षक द्वारा हत्या के बाद 1984 में हुए दंगों में करीब 3,000 सिख मारे गए थे। उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी।