जोधपुर, 5 अप्रैलः बॉलीवुड के टाइगर सलमान खान को कांकणी हिरण शिकार मामले में जोधपुर ग्रामीण कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई गई है, वहीं पांच अन्य आरोपियों को बरी किया गया है। इस फैसले के आने के बाद बिश्नोई समाज सैफ अली खान, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे को बरी करने को लेकर खुश नहीं है।
बिश्नोई टाइगर्स वान्य एवं पर्यावरण संस्था के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल भवड़ का कहना है कि संस्था सैफ अली खान, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे के बरी किए जाने के फैसले को लेकर आगे अपील करेंगे।
उनका कहना है कि पहले हम फैसले का विश्लेषण करेंगे। साथ ही हम बरी किए गए लोगों के खिलाफ तत्काल अपील दायर करना चाहते हैं। वहीं, उन्होंने सलमान खान की अधिकतम सजा की मांग भी की थी।
बिश्नोई समाज जोधपुर के पास पश्चिमी थार रेगिस्तान से नाता रखता है। इन लोगों को प्रकृति के प्रति प्रेम के लिए जाना जाता है। बिश्नोई समाज में जानवरों को भगवान के समान माना जाता है और ये लोग इसके लिए अपनी जान तक देने को तैयार रहते हैं।
बिश्नोई समाज प्रकृति के लिए अपनी जान देने वाले लोगों को शहीद का दर्जा भी देता है। इस समाज में ऐसे कई लोग हुए हैं, जिन्होंने जानवरों के लिए अपनी जान भी गंवाई है। इसमें गंगा राम विश्नोई जैसे कई नाम शामिल हैं।
इस समाज के लोग तकरीबन 550 साल से प्रकृति की पूजा करते आ रहे हैं। वहीं काला हिरण विलुप्त होती प्रजातियों में से एक है, जिसकी सुरक्षा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत की जाती है।
आपको बता दें कि काले हिरण शिकार मामला सितंबर 1998 का है। जब 'हम साथ-साथ फिल्म' की शूटिंग के लिए फिल्म की पुरी स्टार कास्ट राजस्थान जोधपुर में थे। इस मामले में सलमान खान, सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, नीलम और तब्बू पर आरोप दर्ज हुए थे। ये सितारे मिलकर जोधपुर के पास कणकणी गांव में दो काले हिरणों का शिकार किया था।