Birth certificates sole proof DOB: मोदी सरकार ने किया बदलाव, पासपोर्ट बनाना हो तो पहचान के लिए ये प्रमाणपत्र ही अहम
By सतीश कुमार सिंह | Updated: March 1, 2025 12:36 IST2025-03-01T12:34:51+5:302025-03-01T12:36:02+5:30
Birth certificates sole proof DOB: आधिकारिक राजपत्र में संशोधन प्रकाशित होने के बाद नए नियम लागू हो जाएंगे।

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Birth certificates sole proof DOB: केंद्र ने पासपोर्ट नियमों में संशोधन किया है। 1 अक्टूबर 2023 को या उसके बाद पैदा हुए पासपोर्ट आवेदकों के लिए उपयुक्त अधिकारियों द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र को जन्मतिथि का एकमात्र प्रमाण होगा। इस संबंध में एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की गई है, जो 1980 के पासपोर्ट नियमों में संशोधन को प्रभावी करती है। केंद्र सरकार ने पासपोर्ट नियमों में संशोधन किया है, जिसके तहत एक अक्टूबर, 2023 या इसके बाद जन्मे पासपोर्ट आवेदकों के लिए उपयुक्त प्राधिकारियों द्वारा जारी जन्म प्रमाणपत्र ही जन्मतिथि का एकमात्र प्रमाण होगा। अधिकारियों के अनुसार, इस सप्ताह पासपोर्ट नियम 1980 में संशोधन को प्रभावी करने के लिए एक आधिकारिक नोट जारी किया गया। आधिकारिक राजपत्र में संशोधन प्रकाशित होने के बाद नए नियम लागू हो जाएंगे।
नए मानदंडों के तहत, जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार, नगर निगम या जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत सशक्त किसी अन्य प्राधिकार द्वारा जारी जन्म प्रमाणपत्र को 1 अक्टूबर, 2023 को या इसके बाद पैदा हुए व्यक्तियों के लिए जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाएगा।
अन्य आवेदक जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में वैकल्पिक दस्तावेज, जैसे ड्राइविंग लाइसेंस या स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। इस तिथि से पहले पैदा हुए आवेदकों के लिए, मौजूदा प्रणाली अपरिवर्तित बनी हुई है, जिससे उन्हें जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में वैकल्पिक दस्तावेज जमा करने की अनुमति मिलती है।
इनमें ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, चुनाव फोटो पहचान पत्र, स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र, सेवा रिकॉर्ड (सरकारी कर्मचारियों के लिए), या जीवन बीमा निगम या किसी अन्य मान्यता प्राप्त बीमाकर्ता द्वारा जारी पॉलिसी बांड शामिल हैं। इस कदम का उद्देश्य जन्मतिथि विवरण की पुष्टि करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना और नए आवेदकों के लिए दस्तावेज़ जमा करने में एकरूपता सुनिश्चित करना है।
अक्टूबर 2023 के बाद के जन्मों के लिए जन्म प्रमाण पत्र को एकमात्र स्वीकार्य दस्तावेज बनाकर, सरकार का इरादा जन्म तिथि रिकॉर्ड में धोखाधड़ी वाली प्रस्तुतियों और विसंगतियों को कम करना है। यह पासपोर्ट जारी करने और पहचान सत्यापन में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप है।