Birsa Munda Birth Anniversary 2024: पीएम मोदी आज करेंगे 2 आदिवासी संग्रहालयों का लोकार्पण, जनजतीय संस्कृति से दुनिया होगी रूबरू
By अंजली चौहान | Updated: November 15, 2024 11:36 IST2024-11-15T11:34:14+5:302024-11-15T11:36:05+5:30
Birsa Munda Birth Anniversary 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर मध्य प्रदेश में दो 'आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों' संग्रहालयों का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि पीएम मोदी छिंदवाड़ा और जबलपुर जिलों में स्थापित जनजातीय संग्रहालयों को देश को समर्पित करेंगे.

Birsa Munda Birth Anniversary 2024: पीएम मोदी आज करेंगे 2 आदिवासी संग्रहालयों का लोकार्पण, जनजतीय संस्कृति से दुनिया होगी रूबरू
Birsa Munda Birth Anniversary 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिरसा मुंडा जयंती के मौके पर आदिवासी समाज को खास तोहफा देने वाले हैं। जिसके तहत पीएम मध्य प्रदेश में स्थित दो ‘आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी’ संग्रहालयों का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे। हर साल 15 नवंबर को बिरसा मुंडा जयंती मनाई जाती है, जिनका भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में गौरवपूर्ण इतिहास रहा है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि पीएम मोदी छिंदवाड़ा और जबलपुर जिलों में स्थापित आदिवासी संग्रहालयों को देश को समर्पित करेंगे।
छिंदवाड़ा में संग्रहालय का नाम स्थानीय आदिवासी नायक (स्वतंत्रता सेनानी) बादल भोई के नाम पर रखा गया है, जबकि जबलपुर में राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के नाम पर संग्रहालय का नामकरण किया गया है। दोनों संग्रहालयों में क्यूरेशन का काम राज्य के जनजातीय कार्य विभाग द्वारा किया गया है, जिसमें बिरसा मुंडा, राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह सहित 25 आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन का वर्णन किया जाएगा। संग्रहालय के आसपास आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े कई दर्शनीय और महत्वपूर्ण स्थान हैं।
जबलपुर के आदिवासी संग्रहालय में छह गैलरी हैं, और उनमें से एक रानी दुर्गावती को समर्पित है, जिसमें उनके जीवन, शासन और बाहरी आक्रमणकारियों के साथ संघर्ष को प्रदर्शित किया गया है।
मध्य प्रदेश में कई कार्यक्रम आयोजित
मिली जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश जहां आदिवासियों की संख्या अधिक है वहां, बिरसा मुंडा जयंती के दिन कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। बिरसा मुंडा की जयंती मनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने धार और शहडोल जिलों में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इस अवसर पर आदिवासी समुदाय के कलाकार बिरसा मुंडा की जयंती मनाने के लिए अपनी पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन करेंगे, जिन्हें वे भगवान के रूप में पूजते हैं।
बिरसा मुंडा की जयंती मनाने के अलावा, राज्य सरकार स्थानीय स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों को श्रद्धांजलि भी देगी, आदिवासी समुदायों की समृद्ध विरासत और योगदान का जश्न मनाएगी।
भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम के नायक बिरसा मुंडा ने छोटानागपुर क्षेत्र के आदिवासी समुदाय को अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ "उलगुलान" (विद्रोह) के रूप में जानी जाने वाली सशस्त्र क्रांति का नेतृत्व किया। वे छोटानागपुर पठार क्षेत्र में मुंडा जनजाति से थे।
उन्होंने 19वीं शताब्दी की शुरुआत में ब्रिटिश उपनिवेश के तहत बिहार और झारखंड क्षेत्रों में उठे भारतीय आदिवासी जन आंदोलन का नेतृत्व किया। मुंडा ने आदिवासियों को ब्रिटिश सरकार द्वारा की गई जबरदस्ती जमीन हड़पने के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट किया, जिससे आदिवासी बंधुआ मजदूर बन गए और उन्हें घोर गरीबी में धकेल दिया गया।
उन्होंने अपने लोगों को अपनी जमीन के मालिक होने और उस पर अपने अधिकारों का दावा करने के महत्व का एहसास कराया। उन्होंने बिरसाइत के धर्म की स्थापना की, जो जीववाद और स्वदेशी मान्यताओं का मिश्रण था, जिसमें एक ही ईश्वर की पूजा पर ज़ोर दिया गया था। वे उनके नेता बन गए और उन्हें 'धरती आबा' या धरती का पिता उपनाम दिया गया। 9 जून, 1900 को 25 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई।
15 नवंबर, बिरसा मुंडा की जयंती को 2021 में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा 'जनजातीय गौरव दिवस' घोषित किया गया।