बीरभूम हिंसा में कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर दर्ज किया मामला, 23 गिरफ्तार, गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट

By अनिल शर्मा | Published: March 23, 2022 01:12 PM2022-03-23T13:12:46+5:302022-03-23T15:06:49+5:30

उधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को बीरभूम जिले में आग लगने से आठ लोगों की मौत के मामले में पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है।

Birbhum violence Calcutta High Court registers suo motu case Home Ministry sought report | बीरभूम हिंसा में कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर दर्ज किया मामला, 23 गिरफ्तार, गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट

बीरभूम हिंसा में कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर दर्ज किया मामला, 23 गिरफ्तार, गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट

Highlights बीरभूम जिले में हुई हिंसा की घटना में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया हैमुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ आज दोपहर 2 बजे मामले की सुनवाई करेगीकेंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को बीरभूम जिले में आग लगने से आठ लोगों की मौत के मामले में पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है

कोलकाताःपश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में हुई हिंसा की घटना में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया है जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई। एएनआई ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ आज दोपहर 2 बजे मामले की सुनवाई करेगी। इससे पहले, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने तीन पन्नों के पत्र में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की निंदा की, जिसमें कहा गया है कि हिंसा के पीछे एक राजनीतिक साजिश थी।

प, बंगाल सीएम ममता बनर्जी की निंदा करते हुए पत्र में धनखड़ ने लिखा, यह जघन्य अपराध के दोषियों को बचाने के लिए एक चाल है। इस बर्बरता के अपराधियों के बारे में पहले से ही पर्याप्त चीजें प्रचलन में है। इसके अलावा, आपका आश्वासन कि "जांच उन सभी लोगों का पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी जो घटना के पीछे हैं" वास्तविकता से बहुत दूर है। राज्य में "राजनीतिक रूप से बंद" जांच से कोई विश्वास नहीं होता है।

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में सोमवार रात से हुई हिंसा के सिलसिले में कम से कम 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के एक पंचायत नेता सहित नौ लोगों की मौत हो गई थी। जबकि एक को बम हमले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें बरशाल ग्राम पंचायत के उप प्रमुख भादू शेख की मौत हो गई थी। उसी गांव में आठ लोगों की मौत के मामले में कम से कम 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनके घरों में शेख की हत्या के बाद आग लगा दी गई।

पुलिस ने मौतों के लिए दो अलग-अलग मामले दर्ज किए, जबकि राज्य सरकार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। इसके साथ ही दो स्थानीय पुलिस अधिकारियों को मंगलवार को ड्यूटी से हटा दिया। पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय ने मंगलवार को कहा, “यह दो समूहों के बीच व्यक्तिगत दुश्मनी थी जिसके कारण भादू शेख की हत्या हुई। इसमें कोई राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता शामिल नहीं थी।”

गृहमंत्रालय ने मामले में पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी

उधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को बीरभूम जिले में आग लगने से आठ लोगों की मौत के मामले में पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पश्चिम बंगाल से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों के नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्री शाह से मुलाकात की और इस मामले में उनसे हस्तक्षेप करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की। सूत्रों ने कहा कि स्थिति का आकलन करने के लिए जल्द ही एक तथ्यान्वेषी केंद्रीय दल राज्य में भेजा जा सकता है, लेकिन अभी तक इसके बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

गौरतलब है किडीजीपी मनोज मालवीय ने कोलकाता में संवाददाताओं से कहा, बीरभूम जिले के रामपुरहाट में मंगलवार तड़के आग लगने से दो बच्चों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। यह घटना सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के पंचायत नेता की हत्या के कुछ घंटों बाद हुई। मालवीय ने कहा कि एक जले हुए घर से सात जले हुए शव बरामद किए गए, जबकि एक घायल व्यक्ति की अस्पताल में मौत हो गई।

Web Title: Birbhum violence Calcutta High Court registers suo motu case Home Ministry sought report

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