Bihar Land Scam:बिहार में सैरातों की बंदोबस्ती में अरबों रुपये की गड़बड़ी की बात सामने आने से सियासी गलियारे का तापमान हाई हो गया है। सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट के बाद भी संबंधित जिलों से रिपोर्ट नहीं आने पर बड़े घपले की आशंका जताई जा रही है। सरकार ने सभी जिले के समाहर्ताओं से उनके जिले के सैरातों की बारे में रिपोर्ट मांगी है। इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट को लोक लेखा समिति के पास भेजा गया है। लोक लेखा समिति की जिम्मेवारी मुख्य विपक्षी दल राजद के पास है। उन्होंने कहा कि समिति का रिपोर्ट आने के बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
संजय सरावगी से यह पूछे जाने पर कि विभागीय स्तर पर क्या कार्रवाई की जा रही है? इसपर उन्होंने कहा कि निदेशक, भू-अर्जन कमलेश कुमार सिंह ने सभी समाहर्ताओं से सात बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। जिसमें जिलों में सैरातों की संख्या कितनी है, जिसकी नीलामी प्रतिवर्ष की जाती है। सैरातों की बंदोबस्ती में प्रतिवर्ष स्टाम्प और निबंधन शुल्क में कितनी राशि की प्राप्ति हुई तथा कितनी वसूलनीय है।
राशि की वसूली के लिए क्या कार्रवाई की गई है? कितने सैरातधारियों की सैरात अवधि समाप्त हो चुकी है? उनके या अन्य लोगों द्वारा इन सैरातों की पुन: बंदोबस्ती के लिए आवेदन आया या नहीं? कितने सैरात बंदोबस्तधारियों के विरुद्ध शेष राशि की वसूली के लिए नीलाम पत्र वाद दायर किया गया है?
इसमें राशि कितनी है। नीलाम पत्र वाद में कितने का निष्पादन हुआ है। कितनी राशि की वसूली हुई है? क्या वे अनधिकृत रूप से कब्जा बनाए हुए हैं। दरअसल, सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2020-21 की लेखा परीक्षा में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की 961 इकाइयों में से 50 की नमूना जांच की गई। लेखा परीक्षा संवीक्षा में 372 मामलों में सैरात की गैर-बंदोबस्ती व अन्य अनियमितताएं मिलीं। इनमें 24613.19 करोड़ की बड़ी राशि शामिल है।
विभाग ने 2021-22 के दौरान किसी मामले को स्वीकार किया न किसी मामले में वसूली की गई। सीएजी की रिपोर्ट पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने संज्ञान लिया। राशि काफी अधिक होने से मामला गंभीर माना गया है। सूत्रों के अनुसार अरबों रुपए की हेराफेरी की संभावना है। माना जा रहा है कि बड़ी संख्या में सैरातों की बंदोबस्ती नहीं होने की सूचना देकर उसकी अवैध रूप से बंदोबस्ती कर बड़ा खेल किया गया है।