मानसून की सक्रियता से बिहार में बाढ़ की दस्तक, नदियों के जलस्तर में वृद्धि से निचले इलाकों में पहुंचा पानी, जनजीवन अस्त-व्यस्त

By एस पी सिन्हा | Updated: June 22, 2021 20:56 IST2021-06-22T20:53:14+5:302021-06-22T20:56:47+5:30

मानसून के सक्रिय होने के साथ ही बिहार में बाढ़ की दस्तक ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। मानसून के प्रवेश करने के बाद अब नदियों के जलस्तर में रोजाना बढोतरी हो रही है।

Bihar: Water level continues to rise in rivers due to heavy rainfall | मानसून की सक्रियता से बिहार में बाढ़ की दस्तक, नदियों के जलस्तर में वृद्धि से निचले इलाकों में पहुंचा पानी, जनजीवन अस्त-व्यस्त

हाथीदह से भागलपुर तक गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी है।

Highlightsबिहार में मानसून आने के बाद अब नदियों के जलस्तर में रोजाना बढोतरी हो रही है। नेपाल में होने वाली मूसलाधार बारिश से भी बिहार के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। चंपारण में बाढ़ के हालात हैं। गंडक नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है। 

पटनाः मानसून के सक्रिय होने के साथ ही बिहार में बाढ़ की दस्तक ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। मानसून के प्रवेश करने के बाद अब नदियों के जलस्तर में रोजाना बढोतरी हो रही है। नेपाल में होने वाली मूसलाधार बारिश से भी बिहार के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। प्रदेश की प्रमुख नदियों में उफान देखने को मिल रहा है। सूबे में जारी बारिश के बीच पटना में गंगा का जल स्तर जिस रफ्तार से बढ़ा उसी रफ्तार से उतरने भी लगा है। हालांकि हाथीदह से भागलपुर तक गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी है।

सूबे की अमूमन सभी नदियों में उतार-चढाव का सिलसिला जारी है। गंडक और कोसी नदी ने अपन रौद्र रूप दिखना शुरू कर दिया है। कई इलाके भी अब जलमग्न होने लगे हैं। नदी किनारे बसे इलाकों में कटाव बड़ी समस्या बन चुका है। एक तरफ जहां किसानों की फसलों को नुकसान पहुंच रहा है, वहीं दूसरी तरफ इस कोरोना काल में भी उन्हें निचले इलाके को खाली कर विस्थापन का जीवन जीने पर मजबूर होना पड़ रहा है। 

गंगा और कोसी के जलस्तर में वृद्धि

लगातार हो रही बारिश से गंगा और कोसी के जलस्तर में बढोतरी हुई है। नदी किनारे बसे क्षेत्रों में कटाव तेजी से देखा जा रहा है। कोसी पार भवनपुरा पंचायत में भी कटाव से लोग मुसीबत में घिरे हैं। कई गांवों के अस्तित्व पर ही अब खतरा मंडरा रहा है। राजधानी पटना में भी गंगा, पुनपुन और सोन नदी का जलस्तर बढ़ गया है। गांधी घाट और हाथीदह समेत कई जगहों पर गंगा अब खतरे के निशान के बेहद करीब है। अगर बारिश इसी तरह लगातार होती रही तो जलस्तर में तेजी से बढोतरी होगी और लाल निशान को छूने में इसे समय नहीं लगेगा, जिसके बाद बाढ की समस्या लोगों के सामने आ खड़ी होगी। 

खतरे के निशान के पार गंडक नदी

चंपारण में भी बाढ के हालात बन चुके हैं। गंडक नदी लाल निशान के पार हो चुकी है। बागमती नदी खतरे के निशान से अभी नीचे है, लेकिन बूढी गंडक का पानी अब शहर की तरफ बढ़ने लगा है। शहर से सटे निचले इलाके में बाढ का पानी घुसने के कारण लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। लोगों के घरों में अब पानी घुसने लगा है। हालात अब ऐसे हो चुके हैं कि लोग अपना राशन-पानी भी घरों में स्टॉक कर रखने लगे हैं। मोतिहारी के बंजरिया की 11 पंचायतों के लोग बाढ से घिर चुके हैं। करीब 1.30 लाख की आबादी अब भगवान भरोसे ही है। 

जमालपुर और धरहरा के बीच सड़क संपर्क टूटा

वहीं, मुंगेर में लगातार हो रही बारिश से पानी का दबाव इस कदर बढा कि मुरघट नदी पर बन रहे पुल का एप्रोच पथ ही कट गया। जिससे दो दिनों से जमालपुर और धरहरा प्रखंड मुख्यालयों का सड़क मार्ग से संपर्क टूट गया है। सुपौल में कोसी का जलस्तर अभी थोडा स्थिर है। 

कई स्थानों पर भारी बारिश

जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले 24 घंटे के दौरान सीतामढी, समस्तीपुर, मनेर और हाजीपुर में भारी वर्षा हुई है। सीतामढी के ढेंग में 120 मिमी से अधिक बारिश रिकार्ड की गई, जबकि रोसडा में 107 मिमी और समस्तीपुर में 88 मिमी. पटना से सटे मनेर में 52 मिमी और हाजीपुर में 73 मिमी बारिश हुई है।

 

Web Title: Bihar: Water level continues to rise in rivers due to heavy rainfall

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