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निजी स्रोतों से बिजली खरीदने पर अतिरिक्त धनराशि खर्च कर रहा है बिहार: नीतीश

By भाषा | Updated: October 11, 2021 20:49 IST

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पटना, 11 अक्टूबर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि ऐसे में जब कई राज्य ताप विद्युत स्टेशनों को कोयले की आपूर्ति कम होने के कारण बिजली संकट का सामना कर रहे हैं, राज्य ने निजी स्रोतों के माध्यम से बिजली खरीदने के लिए पिछले पांच दिनों में अतिरिक्त 90 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

उन्होंने कहा कि इस स्थिति के बावजूद बिहार प्रति दिन 5,500 मेगावाट की अपनी ‘पीक लोड’ मांग को पूरा कर रहा है।

कुमार ने ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के बाद कहा कि उन्हें राज्य के बिजली विभाग के अधिकारियों और अन्य संबंधित अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया गया है कि बिहार को जल्द ही नियमित बिजली आपूर्ति मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा हूं। हम किसी भी संकट से बचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि राज्य को पर्याप्त बिजली आपूर्ति नहीं मिल रही है।’’

कुमार ने कहा कि अपनी कमी को पूरा करने के लिए बिहार उच्च दर पर बोली लगा रहा है और निजी स्रोतों से बिजली खरीदने के लिए अतिरिक्त राशि खर्च कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य ने निजी स्रोतों से बिजली खरीदने के लिए पिछले पांच दिनों में अतिरिक्त 90 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

उन्होंने कहा, "अभी तक राज्य में स्थिति नियंत्रण में है। बरौनी थर्मल पावर स्टेशन की दो इकाइयों में एक महीने के भीतर बिजली उत्पादन शुरू होने से स्थिति में सुधार होगा।"

राज्य के बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय क्षेत्र से ताप विद्युत की आपूर्ति के लिए बिहार एनटीपीसी को प्रति माह औसतन 800 करोड़ रुपये का भुगतान करता है। अधिकारी ने कहा कि निजी कंपनियों के माध्यम से 688 मेगावाट बिजली खरीद समझौते के मुकाबले पिछले कुछ दिनों में इसे लगभग 347 मेगावाट से 397 मेगावाट ही मिल रहा है।

सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के हालिया आंकड़ों में दावा किया गया था कि देश में 16 ताप विद्युत संयंत्रों में 7 अक्टूबर की स्थिति के अनुसार शून्य दिनों के लिए कोयले का भंडार था। वहीं 37,345 मेगावाट की बिजली उत्पादन क्षमता वाले अन्य 30 संयंत्रों में केवल एक दिन तक कोयले का भंडार था, जबकि जिन 18 संयंत्रों में 23,450 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता है, उनके पास दो दिनों के कोयले का भंडार था। वहीं 29,160 मेगावाट क्षमता वाले अन्य 19 संयंत्रों में केवल तीन दिनों के लिए कोयला भंडार था।

हालांकि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने इन रिपोर्टों को खारिज कर दिया था और देश में कोयले की कमी के किसी भी दावे से इनकार किया था।

उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि कहीं कोई घटना घटित होती है तो ये काम देखना वहां के प्रशासन और पुलिस का है। उन्होंने कहा, ‘‘वे इसे देख रहे हैं, सारी चीजें सामने आ रही हैं।’’

उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य में कोई घटना घटने पर पूरी जांच होती है और जांच होने के बाद जो जरूरत है, उसके अनुसार कार्रवाई होती रहती है। उन्होंने कहा, ‘‘इन सब चीजों में हम कोई बयान या ज्यादा वक्तव्य नहीं देते हैं। हमको अपने राज्य के बारे में ही सब कुछ देखना है, अगर कहीं कोई घटना घटती है तो हमलोग अलर्ट रहते हैं और तत्काल कार्रवाई की जाती है।’’

जातीय जनगणना को लेकर पत्रकारों के सवाल पर कुमार ने कहा, ‘‘जातीय जनगणना होने से सभी जातियों और उपजातियों की सही संख्या की जानकारी मिलेगी। समाज के सभी तबकों को आगे बढ़ाने के लिए यह जरुरी है। उपचुनाव के बाद इस मुद्दे पर आपस में बैठक कर चर्चा की जायेगी और उचित निर्णय लिया जायेगा।’’

उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर बिहार विधानसभा और विधान परिषद से सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया है, अब निर्णय लेना केंद्र सरकार का काम है। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र की तरफ से नहीं होता है तो राज्य की तरफ से क्या किया जा सकता है, इसको लेकर सभी दलों के साथ चर्चा होगी।

कुमार ने कहा कि अभी वर्ष 1931 की जनगणना के अनुसार जातियों की संख्या को लेकर मोटे तौर पर काम चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ताजा जातीय जनगणना होने से बहुत अच्छा होगा। जातीय जनगणना को लेकर सभी पार्टियों के साथ चर्चा करके निर्णय लिया जायेगा ताकि अच्छे ढंग से काम हो सके।’’

अधिक वर्षा के कारण बाढ़ की स्थिति से हुई फसल क्षति के मुआवजे को लेकर पूछे गए एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको लेकर अधिकारियों को निर्देश दे दिया गया है। उनहोंने कहा, ‘‘सभी जिलाधिकारियों से पूरी जानकारी लेने को कहा गया है। अनेक जगहों पर मैंने खुद भी बात की है। कह दिया गया है कि कहां क्या नुकसान हुआ है इसकी जानकारी लेकर पूरी रिपोर्ट 12 अक्टूबर तक तैयार कर लें। रिपोर्ट की जानकारी कल लेंगे।’’

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार फसल क्षति के मुआवजे को लेकर काम कर रही है और जितने भी प्रभावित लोग हैं हम सबकी मदद करेंगे।

इससे पूर्व ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यकम में शामिल हुए नीतीश कुमार ने सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, वित्त विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग एवं अन्य विभागों से संबंधित मामलों पर सुनवाई की ।

मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यकम में शामिल होने पहुंचे 147 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिये।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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