बिहारः विशेष राज्य दर्जा पर भाजपा-जदयू में ठनी, ललन सिंह ने उठाई मांग, जायसवाल ने सीएम को निशाने पर लिया, कहा-महाराष्ट्र के मुकाबले 31000 करोड़ ज्यादा...
By एस पी सिन्हा | Updated: February 7, 2022 16:20 IST2022-02-07T16:17:01+5:302022-02-07T16:20:19+5:30
भाजपा बिहार अध्यक्ष संजय जायसवाल ने लिखा है कि महाराष्ट्र की आबादी बिहार से एक करोड़ ज्यादा है, फिर भी बिहार को महाराष्ट्र के मुकाबले 31 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलते हैं.

बंगाल भी बिहार की भांति पिछड़ा राज्य है, पर उसके मुकाबले भी बिहार को 21 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलता है.
पटनाः बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के मुद्दे पर राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा और जदयू के बीच जंग छिड़ी हुई है. इस मुद्दे पर एनडीए दो-फाड़ दिख रही है.
एक ओर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह हर दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार की ओर ध्यान देने का अनुरोध कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर भाजपा के नेता हमेशा इस बात को नकार रहे हैं कि बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की जरूरत है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने एकबार फिर सीधे-सीधे बिहार के मुख्यमंत्री को निशाने पर लिया है.
उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि केंद्र से बिहार को महाराष्ट्र की तुलना में 31 हजार करोड़ रुपए अधिक पैसे मिलते है, लेकिन राज्य सरकार उन पैसों का इस्तेमाल नहीं कर पा रही है. जायसवाल ने इसके लिए अलग-अलग बिंदूओं में पूरी जानकारी भी दी है. उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा है कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिए विशेष पैकेज का पूरा उपयोग नहीं कर पा रही है.
संजय जायसवाल ने एक डाटा शेयर किया
जायसवाल ने एक डाटा शेयर किया है और लिखा है कि डाटा यह बताने में सक्षम है कि केंद्र सरकार बिहार का कितना ध्यान रखती है. उन्होंने जदयू नेताओं पर तंज कसते हुए लिखा है कि खुद की कमी दूर नहीं करते हैं और नीति आयोग की शिकायत करते रहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार को विकसित राज्य बनाने के लिए उद्योग को बढ़ावा देना जरूरी है.
संजय जायसवाल ने लिखा है कि महाराष्ट्र की आबादी बिहार से एक करोड़ ज्यादा है, फिर भी बिहार को महाराष्ट्र के मुकाबले 31 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलते हैं. बंगाल भी बिहार की भांति पिछड़ा राज्य है, पर उसके मुकाबले भी बिहार को 21 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलता है. दक्षिण भारत के राज्यों की हमेशा शिकायत रहती है कि केंद्र सरकार हमें कम पैसे देती है क्योंकि हमने आबादी को 70 के दशक में ही केंद्र की नीतियों के कारण रोक लिया था. अब केंद्र सरकार इसको अपराध मानती है. बिहार को अगर आगे बढ़ाना है तो पूरे मंत्रिमंडल का सहयोग आवश्यक है.
केंद्र सरकार बिहार का ध्यान रखती है
आंकड़े देते हुए उन्होंने बताया है कि केंद्र सरकार बिहार का ध्यान रखती है. बिहार को दूसरे राज्यों से मिल अधिक मदद मिल रही है. उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण पर काम करने सलाह सरकार को दी है. डा. जायसवाल ने लिखा है कि जीएसटी से सबसे ज्यादा फायदा बिहार जैसे राज्यों को हुआ है. पहले जिस राज्य में उद्योग स्थापित होते थे, उनको अलग से कमाई होती थी.
अब इस कमाई का बड़ा हिस्सा उपभोक्ता राज्य में बंटता है. बिहार को अगर आगे बढ़ाना है तो सरकार को ये लक्ष्य रखने ही होंगे. डा. जायसवाल ने बिहार सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं कि जब तक हम औद्योगिक नीतियां लाकर नए उद्योगों को बढ़ावा नहीं देंगे, तब तक न तो रोजगार देने में सफल होंगे, न हीं बिहार की आय बढ़ेगी.
मंत्री शाहनवाज हुसैन के प्रयासों की सराहना की
उन्होंने इस संबंध में भाजपा कोटे के मंत्री शाहनवाज हुसैन के प्रयासों की सराहना की, लेकिन यह भी जोड़ा कि इसमें पूरे मंत्रिमंडल का सहयोग भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जहां भी संभव हो वहां प्राइवेट-पब्लिक पार्टनरशिप होनी चाहिए. उद्योग लगाने वालों को विलेन समझने की मानसिकता बिहार को कहीं का नहीं छोड़ेगी.
बड़ौदा बस स्टैंड विश्व स्तर का है, पर ऊपर की मंजिलों में दुकानें खोलकर सारी राशि की भरपाई कर ली गई और गुजरात सरकार का एक पैसा भी नहीं लगा. इसी तरह गांधीनगर के पूरे साबरमती फ्रंट के विकास में उसी में से एक निश्चित भूमि निजी हाथों में देकर अनेक पार्कों सहित पूरे फ्रंट को विकसित करने की कीमत निकाल ली गई.
प्रधानमंत्री पैकेज में ढाई सौ करोड़ रुपये मिल चुके हैं
उन्होंने राज्य की नीतीश सरकार को घेरते हुए कहा कि हम छह वर्षों में भी प्रधानमंत्री के दिए हुए पैकेज का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं. अभी भी 10 हजार करोड़ से ज्यादा रुपये बकाया है. उन्होंने लिखा है कि उनके लोकसभा क्षेत्र के रक्सौल हवाई अड्डा के लिए प्रधानमंत्री पैकेज में ढाई सौ करोड़ रुपये मिल चुके हैं, पर बिहार सरकार द्वारा अतिरिक्त जमीन नहीं देने के कारण आज भी यह योजना रुकी हुई है.
डा. जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना में भी बिहार को हजारों करोड रुपए मिलने हैं. अगर हमने भूमि उपलब्ध नहीं कराया तो ये किस्से-कहानियों की बातें हो जाएंगी. केंद्र सरकार की योजनाओं का समुचित उपयोग करना होगा. पिछले वित्तीय वर्ष में छह हजार करोड की राशि बिहार सरकार को आवंटित की गई थी, पर जल-नल योजना के मद में ये पैसे नहीं लिए गए।. हमें राशियों का सही उपयोग करना होगा.



