बिहार में बालू माफियाओं से सांठ-गांठ, अधिकारियों पर शिकंजा, आरा के पूर्व डीएसपी पंकज रावत के कई ठिकानों पर छापेमारी
By एस पी सिन्हा | Updated: September 4, 2021 20:27 IST2021-09-04T20:25:45+5:302021-09-04T20:27:15+5:30
पंकज रावत के पटना के श्रीकृष्णापुरी के अलावा दानापुर के नासरीगंज और नालंदा के हिलसा स्थित उनके पैतृक आवास पर छापेमारी आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने छापेमारी किया.

सभी अधिकारी फिलहाल आर्थिक अपराध इकाई के राडार पर हैं.
पटनाः बिहार में बालू माफियाओं से सांठ-गांठ के आरोपियों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई की कार्रवाई जारी है. ऐसे में आरोपित अधिकारियों की मुश्किलें और बढ़ने लगी है.
पिछले दिनों जहां पूर्व डीएसपी तनवीर अहमद के ठिकानों पर छापेमारी की थी, वहीं अब बालू कांड में पहले से ही निलंबित किए गए आरा के पूर्व डीएसपी पंकज रावत के कई ठिकानों पर छापेमारी की गई है. पंकज रावत के पटना के श्रीकृष्णापुरी के अलावा दानापुर के नासरीगंज और नालंदा के हिलसा स्थित उनके पैतृक आवास पर छापेमारी आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने छापेमारी किया है.
बता दें कि कार्रवाई की जद में अभी तक तीन अधिकारी आ चुके हैं. जिनकी संपत्तियों को खंगाला जा चुका है. छापेमारी दल को कई सबूत मिले हैं. वहीं सर्च वांरट मिलने के बाद आर्थिक अपराध इकाई ने डीएसपी पंकज कुमार रावत पर शिकंजा कसा है. पंकज रावत के खिलाफ ईओयू ने आय से अधिक संपत्ति अर्जन करने के मामले पर ये कार्रवाई की है.
आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने पंकज रावत के खिलाफ शुक्रवार को आर्थिक अपराध इकाई के थाने में ही आय से अधिक संपत्ति मामले को लेकर केस दर्ज किया था. न्यायालय से सर्च वारंट मिलने के बाद आज छापेमारी की गई. आर्थिक अपराध इकाई के सूत्रों की मानें तो डीएसपी पंकज रावत के यहां आय से अधिक 70 फीसदी संपत्ति मिली है. जिसका आकलन किया जा रहा है.
निलंबन के बाद पंकज रावत के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी चल रही है. ईओयू ने राज्य में बालू के अवैध खनन में संलिप्त पुलिस, खनन, परिवहन और राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका और संलिप्तता को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की थी. विभाग ने बहुत ही गोपनीय तरीके से बालू के अवैध खनन और काले कारोबार में माफियाओं का साथ देने वाले सरकारी कर्मियों को चिन्हित किया था.
उल्लेखनीय है कि बालू कांड में करीब 40 अ्धिकारियों पर कार्रवाई हुई है. इन सभी को बिहार सरकार के निर्देश पर पहले ही निलंबित किया जा चुका है. सभी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी चल रही है. ये सभी अधिकारी फिलहाल आर्थिक अपराध इकाई के राडार पर हैं.
अधिकारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है. ऐसे में यह स्पष्ट कि किसी भी अधिकारी ने अपना काम निष्ठा से नहीं किया बल्कि अपने अधिकार का गलत उपयोग कर बालू माफियाओं के साथ अपना भला किया. बिहार गृह विभाग की ओर से जारी पत्र संख्या 4744 के मुताबिक पटना जिले के पाली डीएसपी तनवीर अहमद, औरंगाबाद जिले के सदर डीएसपी अनूप कुमार, भोजपुर जिले के आरा डीएसपी पंकज रावत और रोहतास जिले में तैनात डिहरी के डीएसपी संजय कुमार को तत्काल पटना स्थित पुलिस हेडक्वार्टर तलब किया गया था.