बिहार: सम्राट चौधरी ने दी विपक्षी दलों को चुनौती, कहा- "हिम्मत है तो नीतीश कुमार को घोषित करें पीएम उम्मीदवार"
By एस पी सिन्हा | Published: May 7, 2023 03:56 PM2023-05-07T15:56:25+5:302023-05-07T16:02:37+5:30
बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बड़ी चुनौती देते हुए कहा कि अगर विपक्ष में हिम्मत है तो नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करें।
पटना: केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता की पहल कर रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर विपक्षी दलों को बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बड़ी चुनौती दी है। उन्होंने रविवार को कहा कि अगर विपक्ष में हिम्मत है तो नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करें।
नीतीश कुमार के ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से होने वाली मुलाकात पर कटाक्ष करते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि यह सिर्फ टाइमपास मुलाकात होगी। नीतीश कुमार को चाहिए कि वे नवीन पटनायक से सीख लें। कैसे नवीन पटनायक ने ओडिशा में काम किया है, उसका अनुसरण करें।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब 9 मई को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से जल्द मुलाकात करेने भुवनेश्वर जाने वाले हैं। इस बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विपक्षी एकता की बात करने वाले नीतीश कुमार को अगले लोकसभा चुनाव में बिहार की जनता ही सबक सिखा देगी। वर्ष 2014 में जदयू ने अकेले लोकसभा चुनाव लड़ा था तो सिर्फ 2 सीटें आई थी, इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में नीतीश की पार्टी शून्य पर आउट हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता के नाम पर नीतीश कुमार को न तो किसी दल का समर्थन मिलेगा और ना ही जनता का सर्मथन देगी। देश में 75 साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऐसी सरकार बनी है जो देश को विकास के नए आयाम पर ले जा रही है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टियों के कुकर्मों से मुक्त करने का काम नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। वहीं नीतीश कुमार के बार-बार यह कहने कि वे प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहते हैं, इसपर सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार जो कहें, वह पक्का नहीं होने वाला होता है। उनसे बड़ा पलटीमार कोई नहीं है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1994 में नीतीश कुमार सार्वजनिक रूप से कहते थे कि वे मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते, लेकिन बंद कमरे में कहते थे कि हमारे अलावा कोई और मुख्यमंत्री नहीं बन सकता। फिर राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश ने कहा था कि अब उनकी मुख्यमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं है। लेकिन वर्ष 2000 में फिर से नीतीश कुमार 7 दिनों के लिए मुख्यमंत्री बन गए। इसी तरह कई ऐसे उदहारण हैं, जब नीतीश ने जो कहा ठीक उसके विपरीत काम किया।
नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि लालू यादव की कृपा से सरकार चला रहे नीतीश कुमार के लिए मजबूरी है कि वे तेजस्वी यादव को हर जगह अपने साथ ले जाएं। इसी कारण इन दिनों पर नीतीश अपने साथ हर जगह तेजस्वी को ले जाते हैं। नीतीश जानते हैं कि वे लालू की कृपा से सरकार चला रहे हैं, ऐसे में लालू की हर बात मानने की मजबूरी है।