बिहार: राजद में एक और धनकुबेर को जगह मिलने की चर्चा, निराश हो रहे हैं जमीनी कार्यकर्ता-नेता
By एस पी सिन्हा | Published: June 21, 2020 02:21 PM2020-06-21T14:21:05+5:302020-06-21T14:35:12+5:30
राजद ने मुंबई में कारोबार करने वाले एक ऐसे बिजनेसमैन को विधान परिषद भेजने की तैयारी में है. अंदर खाने में सबसे मजबूत दावेदार के तौर पर मो. फारुख का नाम सामने आ रहा है. बताया जा रहा है कि शिवहर जिले से ताल्लुक रखने वाले मो. फारुख पिछले कुछ अर्से से स्थानीय स्तर पर सक्रिय रहे हैं, लेकिन मुंबई में इनका रियल स्टेट का कारोबार है.
पटना: बिहार में गरीबों व आमजन की पार्टी के रूप में प्रचारित राजद अब खासजन पर ज्यादा ध्यान देने लगी है. यह बात अब विधान परिषद के होने वाले चुनाव के मद्देनजर सामने आने लगा है. पहले राज्यसभा चुनाव में एक धनकुबेर को राज्यसभा का दर्शन कराया गया. अब विधान परिषद चुनाव में एक अन्य धनकुबेर के परिषद में जगह देने की तैयारी की बात सामने आ रही है. हालांकि अभी इसकी अधिकारिक तौर पर घोषणा अभी की जानी बाकी है.
सूत्रों के अनुसार राजद ने मुंबई में कारोबार करने वाले एक ऐसे बिजनेसमैन को विधान परिषद भेजने की तैयारी में है. अंदर खाने में सबसे मजबूत दावेदार के तौर पर मो. फारुख का नाम सामने आ रहा है. बताया जा रहा है कि शिवहर जिले से ताल्लुक रखने वाले मो. फारुख पिछले कुछ अर्से से स्थानीय स्तर पर सक्रिय रहे हैं, लेकिन मुंबई में इनका रियल स्टेट का कारोबार है. फारुख पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी के सरकारी आवास पर हुई बैठक के दौरान भी वहां मौजूद थे और उनका नाम विधान परिषद के लिए बिल्कुल तय माना जा रहा है. सियासी गलियारे में चर्चा है कि राजद को किसी एक अल्पसंख्यक को विधान परिषद भेजना है और इसमें मो. फारुख का नाम इस रेस में सबसे आगे है. जानकारों की अगर मानें तो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के संपर्क में आने के बाद मो. फारुख लगातार पार्टी की गतिविधियों के बारे में जानकारी लेते रहे हैं और अब वह विधान परिषद के लिए सबसे मजबूत दावेदारों में से एक हैं. हालांकि अभी भी आधिकारिक तौर पर उनके उम्मीदवारी पर मुहर लगनी बाकी है. लेकिन परिषद में नामांकन के लिए उन्होंने पूरी तैयारी कर ली है.
यहां बता दें कि इसके पहले राज्यसभा चुनाव में भी बड़े कारोबारी अमरेंद्र धारी सिंह को राजद ने उम्मीदवार बनाते हुए राज्यसभा भेज दिया था. अमरेंद्र धारी सिंह राजद के साथ जुड़े हुए नहीं थे. लेकिन उन्हें आनन-फानन में पार्टी की सदस्यता दिलाते हुए नामांकन कराया गया. ऐसे में अब एक बार फिर से विधानसभा चुनाव के पहले राजद में अन्य धनकुबेर को जगह दिये जाने की चर्चा से पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं में थोड़ी मायूसी है. दबी जुबान से पार्टी के अंदर अब यह चर्चा होने लगी है कि राज्यसभा और विधान परिषद के लिए संगठन के लिए काम करने वालों की बजाए अचानक से अवतरित हुए कारोबारियों को तरजीह दी जा रही है. राजद के अंदरूनी सूत्र बता रहे हैं कि जल्द ही आधिकारिक तौर पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा हो जाएगी और उनका नामांकन होगा.