राजद-जदयू का हो सकता है विलय!, नीतीश और लालू मिलकर तीसरी नई पार्टी बना सकते हैं?, सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार गर्म

By एस पी सिन्हा | Updated: October 22, 2022 15:28 IST2022-10-22T15:25:40+5:302022-10-22T15:28:01+5:30

बिहारः दिल्ली में 10 अक्टूबर को राजद के राष्ट्रीय सम्मेलन में लालू प्रसाद यादव लगातार 12वीं बार राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गुए हैं।

bihar RJD-JDU may merge Nitish Kumar and Lalu Prasad Yadav can third party together patna election symbol will neither lantern arrow mark left | राजद-जदयू का हो सकता है विलय!, नीतीश और लालू मिलकर तीसरी नई पार्टी बना सकते हैं?, सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार गर्म

माना जा रहा है कि 2023 में राजद में जदयू का विलय होगा या दोनों मिलकर कोई नई पार्टी बनाएंगे। (file photo)

Highlightsराजद नेता भोला यादव ने संविधान संशोधन का एक चौंकाने वाला प्रस्ताव रखा।तेजस्वी यादव को संविधान में संशोधन करके पूरी तरह ये अधिकार दे दिया है।माना जा रहा है कि 2023 में राजद में जदयू का विलय होगा या दोनों मिलकर कोई नई पार्टी बनाएंगे।

पटनाः बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और लालू प्रसाद तादव की पार्टी राजद क्या एक साथ मिलकर तीसरी नई पार्टी बना सकते हैं? सियासी गलियारे में इसका अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। चर्चाओं पर गौर करें तो दोनों दलों का विलय होने के बाद चुनाव चिह्न ना लालटेन रहेगा और ना तीर का निशान बचेगा।

राजद नेता भोला यादव ने संविधान संशोधन का एक चौंकाने वाला प्रस्ताव रखा

दोनों दलों का नाम भी बदल दिया जायेगा। इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। जानकार बताते हैं कि दिल्ली में 10 अक्टूबर को राजद के राष्ट्रीय सम्मेलन में लालू प्रसाद यादव लगातार 12वीं बार राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गुए हैं। इस दौरान खुले सत्र में हजारों राजद कार्यकर्ताओं और नेताओं की मौजूदगी में लालू के हनुमान कहे जाने वाले राजद नेता भोला यादव ने संविधान संशोधन का एक चौंकाने वाला प्रस्ताव रखा।

एक नई पार्टी बनाने की तैयारी

यह तालियों की गड़गड़ाहट के बीच पास हो गया। लेकिन उसवक्त इसकी उतनी चर्चा नहीं हुई क्योंकि पार्टी के द्वारा मीडिया को जारी बयान या प्रस्ताव में इसका जिक्र नहीं था। राजद ने अपने संविधान में संशोधन करके राजद अध्यक्ष लालू यादव और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को अपनी पार्टी राजद का नाम और उसके चुनाव चिह्न लालटेन को लेकर किसी भी तरह के फैसले के लिए अधिकृत कर दिया है। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ये आने वाले दिनों में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और लालू यादव की पार्टी राजद के मिलकर एक हो जाने और एक नई पार्टी बनाने की तैयारी है।

2023 में राजद में जदयू का विलय होगा या दोनों मिलकर कोई नई पार्टी बनाएंगे

शायद यही वजह रही होगी कि राजद ने लालू यादव और तेजस्वी यादव को संविधान में संशोधन करके पूरी तरह ये अधिकार दे दिया है कि समय आने पर वो पार्टी के नाम और लालटेन चुनाव चिह्न को लेकर कोई भी फैसला कर सकें।

कहा जा रहा है कि तेजस्वी यादव आने वाले समय में बिहार की सत्ता पर काबिज होने के लिए 25 साल पुरानी अपनी पार्टी राजद और उसके चुनाव चिह्न लालटेन को टाटा-गुडबाय कर सकते हैं। माना जा रहा है कि 2023 में राजद में जदयू का विलय होगा या दोनों मिलकर कोई नई पार्टी बनाएंगे।

पुराना वजूद समाप्त कर नई पार्टी और चुनाव चिन्ह का ऐलान कर सकते हैं

राजद में इससे पहले दो पार्टियों का विलय हो चुका है। देवेंद्र यादव की समाजवादी जनता दल और शरद यादव की लोकतांत्रिक जनता दल का राजद में विलय हुआ तो लालू यादव ने ना पार्टी का नाम बदला और ना ही चुनाव चिह्न। विलय की सूरत में एक पार्टी का अस्तित्व खत्म होता है जबकि दूसरी बनी रहती है।

लेकिन नीतीश जिस कद के नेता हैं, उन्हें ये फॉर्मूला कतई कबूल नहीं होगा कि राजद में विलय करके जदयू अपना अस्तित्व खत्म कर ले और राजद बनी रहे। ऐसे में दोनों दल अपना पुराना वजूद समाप्त कर नई पार्टी और चुनाव चिन्ह का ऐलान कर सकते हैं।

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