बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटीः 39 सदस्यीय समिति से बाहर कन्हैया कुमार और पप्पू यादव?, तेजस्वी यादव के दबाव की राजनीति, पीछे हटे राहुल गांधी
By एस पी सिन्हा | Updated: September 16, 2025 21:33 IST2025-09-16T21:32:17+5:302025-09-16T21:33:54+5:30
Bihar Pradesh Congress Committee: कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि प्रियंका गांधी बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार सक्रिय रहेंगी और उनकी कोशिश होगी कि कांग्रेस के साथ महागठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में अधिक से अधिक जनसभाएं हो सकें।

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पटनाः बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सीटों के बंटवारे से लेकर प्रचार अभियान तक को गति देने के लिए प्रदेश कांग्रेस की चुनाव समिति गठित कर दी है। कांग्रेस के द्वारा गठित की गई 39 सदस्यीय इस समिति में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, विधान मंडल दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान से लेकर के पार्टी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा और पार्टी के कोषाध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता तक को शामिल किया गया है। प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रदेश चुनाव समिति के गठन को मंजूरी दी है। उन्होंने बताया कि नई समिति का गठन तत्काल प्रभाव से किया गया है। हम सब मिलकर बिहार में कांग्रेस पार्टी के संगठन और जन आंदोलन को और मजबूत बनाएंगे।
39 सदस्य समिति में जिन अन्य नेताओं को शामिल किया गया है, उनमें शकीलुजमा अंसारी, संजीव प्रसाद टोनी, मोतीलाल शर्मा, कपिल देव प्रसाद यादव, अंशुल अभिजीत, ब्रजेश कुमार पांडेय, जमाल अहमद भल्लू, मंजू राम, आजमी बारी, नागेंद्र कुमार विकल, कैलाश पाल, राजेश राठौर, निर्मलेंदु वर्मा, कैसर अली खान, प्रभात कुमार सिंह, कमल देव नारायण शुक्ला और कुमार आशीष शामिल हैं।
इसके अलावा जमोत्री ममता निषाद, शकील उर रहमान, संतोष कुमार श्रीवास्तव, विश्वनाथ सराफ, रमेश प्रसाद यादव, शशि रंजन, सुबोध मंडल, नदीम अख्तर अंसारी, नीतू निषाद, फौजिया राणा, राम शंकर कुमार पान, उदय मांझी, रेखा सोरेन, तारक चौधरी, विश्वनाथ बैठा, सुनील कुमार पटेल, साधना रजक और खुशबू कुमारी को भी जिम्मेदारी दी गई है।
स्थायी आमंत्रित सदस्यों में सभी सांसद, विधायक, विधान पार्षद, अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सभी सचिव, कांग्रेस वर्किंग समिति के स्थायी आमंत्रित सदस्य और फ्रंटल संगठन के सभी अध्यक्ष शामिल किए गए हैं। इससे यह स्पष्ट है कि चुनावी तैयारी के हर चरण में पार्टी के सभी स्तर के नेताओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
कांग्रेस की इस घोषणा के साथ ही बिहार में चुनावी हलचल और तेज होने की संभावना है, क्योंकि अब पार्टी संगठनात्मक मजबूती और रणनीति पर फोकस कर रही है। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि पार्टी के लिए दिनरात पसीना बहाने वाले कन्हैया कुमार एवं सांस पप्पू यादव का कहीं जिक्र तक नहीं किया गया है।
जबकि कन्हैया कुमार ने पिछले दिनों दो यात्रा निकाल कर कांग्रेस की स्थिति मजबूत करने का प्रयास कर चुके हैं। लेकिन कन्हैया कुमार और पप्पू यादव को तरजीह नहीं दिया जाना तेजस्वी यादव के दबाव की राजनीति के तौर पर देखा जा रहा है। उधर दूसरी ओर, कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 26 सितंबर को पूर्णिया आएंगी।
जहां वे एक से दो चुनावी सभा को संबोधित करेंगी। राष्ट्रीय कांग्रेस ने प्रियंका गांधी की चुनावी सभा की जानकारी प्रदेश नेतृत्व को भेज दी है। पार्टी को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे पूर्णिया में चुनावी सभा के लिए आयोजन स्थल का चयन करते हुए केंद्रीय नेतृत्व को जानकारी मुहैया कराए।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि प्रियंका गांधी बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार सक्रिय रहेंगी और उनकी कोशिश होगी कि कांग्रेस के साथ महागठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में अधिक से अधिक जनसभाएं हो सकें। इसी कड़ी में उनका पहला कार्यक्रम पूर्णिया में संभावित है।