पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग के द्वारा राज्य में कराए जा विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल चुनाव आयोग को घेरने में जुटे हुए हैं। विपक्षी दलों के द्वारा रोज नए नए उदाहरण पेश कर चुनाव आयोग को कटघरे में खडा किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। दरअसल चुनाव आयोग ने एसआईआर के माध्यम से बिहार में 65 लाख नाम हटाए हैं, जिसे विपक्ष ने वोटर दमन का हथकंडा बताया। कांग्रेस और राजद ने इसे एनडीए के पक्ष में मतदाता सूची में हेरफेर का प्रयास करार दिया।
इसी कड़ी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने मतदाता अधिकार यात्रा के दौरान दो लोगों खड़ा कर आयोग को घेरने का प्रयास किया। लेकिन उनके दोनों दावे झूठे साबित हुए। अब कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक्स पर ट्वीट कर कटिहार जिले में बिनोदपुर के मकान नंबर 82 में 197 वोटर होने और मकान के 20 साल से बंद होने का दावा किया था।
यह ट्वीट एसआईआर के खिलाफ विपक्ष के दावे को पुष्ट करने के मकसद से किया गया कि बिहार में मतदाता सूची में गड़बड़ियां हैं। वहीं, कांग्रेस की राष्ट्रीय स्तर की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के ट्वीट ने कटिहार जिला प्रशासन में खलबली मचा दी। इसकी जानकारी मिलते ही डीएम मनेश कुमार मीणा ने तुरंत जांच के आदेश दिया।
जांच में पता चला कि मकान नंबर 82 में केवल 10-12 लोग ही पंजीकृत हैं, न कि 197। इसके बाद प्रशासन ने साफ तौर पर कहा है कि यह महज अफवाह फैलाने की कोशिश थी। डीएम मनेश कुमार मीणा ने बताया कि मकान में रहने वाले लोग समय-समय पर आते-जाते हैं और इसे बंद बताना गलत है।
कटिहार प्रशासन ने सुप्रिया के ट्वीट को गलत और भ्रामक बताया। डीएम ने कहा कि हमने तथ्यों की जांच की। मकान में 197 वोटर का दावा पूरी तरह झूठा है। एसआईआर पारदर्शी तरीके से हो रहा है। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर स्थानीय लोगों में गुस्सा देखा जा रहा है।
लोगों ने कहा कि नेताओं के द्वारा बगैर समझे बुझे अफवाह फैलाकर गांव को बदनाम किया जा रहा है। स्थानीय निवासी शिव शंकर रामाणी और राजेश रामाणी ने बताया कि यह मकान 20 साल से बंद नहीं है। मकान के मालिक और उनके परिवार वाले बरौनी में रहते हैं, लेकिन हर दो-तीन महीने में यहां आते हैं।
एक अन्य स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि कांग्रेस के नेता बेवजह भ्रम फैला रहे हैं, जिससे हमारी बदनामी हो रही है। लोगों ने कांग्रेस के द्वारा बदनाम करने की कोशिश पर नाराजगी जताई। इस तरह सुप्रिया श्रीनेत के दावे का जिला प्रशासन ने हवा निकाल दी।
इसके पहले राहुल गांधी ने सासाराम में और नवादा में दो व्यक्तियों को सामने लाकर मतदाता सूची में नाम काटे जाने का दावा किया था। इसके बाद जिला प्रशासन ने जांच कर उनके दावे को भी गलत करार दे दिया था। इस तरह एसआईआर को लेकर विरोधी नेता खुद घिर जा रहे हैं।