पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले ही तेजस्वी यादव के द्वारा बिहार में सरकार बनाने का दावा किए जाने और मुख्यमंत्री पद की शपथ की तारीख 18 नवंबर तय किया जाना चर्चा का विषय बन गया है। जनता तेजस्वी यादव के दावों पर आश्चर्य व्यक्त करने लगी है। वहीं, तेजस्वी के शपथ ग्रहण की तारीख बताने के दावों पर भाजपा के दिग्गज नेता और सारण से लोकसभा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने ऐसी घोषणा कर दी है, लेकिन मुझे जानकारी मिली है कि वे विदेश यात्रा पर जाने का कार्यक्रम बना रहे हैं क्योंकि उन्हें पता चल गया है कि बिहार की जनता अब भी नीतीश कुमार पर भरोसा करती है। दरअसल, 14 नवंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद ही ऐसा दावा किया जा सकता है।
लेकिन अभी मतदान होने से पहले ही तेजस्वी यादव के द्वारा सरकार बनाने का खाका खींचा जाना चर्चा के केन्द्र में है। तेजस्वी यादव के दावे और घोषणा ने लोगों को चौंका दिया है। जानकारों की मानें तो तेजस्वी यादव को पूरा भरोसा है कि इस बार उन्हें कामयाबी अवश्य मिलेगी। तेजस्वी पहले से ही कह रहे हैं कि इस बार महागठबंधन जरूर सरकार बनाएगा।
अब तो उन्होंने शपथ ग्रहण की 18 नवंबर की तारीख भी तय कर दी है। संभव है कि उन्होंने किसी संभावना के आधार पर यह तिथि तय की हो। दरअसल, मुसलमानों और दलितों पर डोरे डालने के लिए राजद ने जहां अपने पुराने और परखे एम-वाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण का सहारा लिया है। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी संविधान बचाने के बहाने दलितों पर डोरे डालते रहे हैं।
इसी क्रम में कांग्रेस ने सवर्ण समाज (भमिहार जाति) से आने वाले अखिलेश प्रसाद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा कर वहां दलित नेता राजेश राम को बिठाया है। उपमुख्यमंत्री के लिए मुकेश सहनी के नाम की घोषणा के बाद दलितों में उतनी कसमसाहट नहीं है, लेकिन मुसलमान इससे खफा हैं।
उनकी नाराजगी इसी से समझी जा सकती है कि राजद के पूर्व विधायक पप्पू खां ने एनडीए को वोट देने की अपील कर दी है। वे कहते हैं कि जदयू और भाजपा ने मुसलमानों के लिए बहुत किया, लेकिन मुसलमान उन्हें वोट नहीं देते। जिन्हें वोट करते हैं, वे उन्हें कितना सम्मान देते हैं, यह टिकट बंटवारे और उपमुख्यमंत्री की घोषणा से ही स्पष्ट है।
बता दें कि तेजस्वी यादव ने पहले ही कई ऐसे लुभावने वादे कर दिए थे, जिन्हें बाद में महागठबंधन ने अपने घोषणापत्र में भी शामिल किया है। मसलन माई-बहिन मान योजना के तहत हर महिला को मासिक 2500 रुपए देंगे। सामाजिक सुरक्षा की पेंशन राशि 1500 रुपए करेंगे। 200 यूनिट फ्री बिजली देंगे।
बाद में उन्होंने प्रत्येक परिवार में एक सरकारी नौकरी और जीविका दीदियों को 30 हजार रुपए वेतन के साथ सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की घोषणा की है। ऐसे में उन्हें शायद यह लगने लगा है कि अब मुख्यमंत्री पद उनसे बहुत दूर नहीं है। लेकिन जनता के फैसले के पहले ही उनके द्वारा किए जा रहे दावों को लोग गंभीरता से नहीं लेते दिखाई दे रहे हैं।