Bihar Polls: नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर दिलाई लालू-राबड़ी सरकार की यादें, कहा- 2005 से पहले बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर था

By एस पी सिन्हा | Updated: October 26, 2025 18:30 IST2025-10-26T18:30:44+5:302025-10-26T18:30:49+5:30

नीतीश कुमार ने कहा कि शाम 6 बजे के बाद लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाते थे। हमारी बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं थीं। राज्य में अपहरण का धंधा उद्योग का रूप धारण कर चुका था। उन्होंने कहा कि शोरूम से दिनदहाड़े गाड़ियां लूट ली जाती थीं। 

Bihar Polls: Nitish Kumar posted on social media, evoking memories of the Lalu-Rabri government, saying crime and corruption were rampant in Bihar before 2005. | Bihar Polls: नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर दिलाई लालू-राबड़ी सरकार की यादें, कहा- 2005 से पहले बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर था

Bihar Polls: नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर दिलाई लालू-राबड़ी सरकार की यादें, कहा- 2005 से पहले बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर था

पटना:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लालू-राबडी शासनकाल की यादें ताजी कराई है। उन्होंने लिखा है कि 2005 से पहले का दौर आप सब को याद होगा, जब बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर था। हर तरफ अराजकता का माहौल था। लोगों का घरों से निकलना दूभर हो गया था। नीतीश कुमार ने कहा कि शाम 6 बजे के बाद लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाते थे। हमारी बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं थीं। राज्य में अपहरण का धंधा उद्योग का रूप धारण कर चुका था। उन्होंने कहा कि शोरूम से दिनदहाड़े गाड़ियां लूट ली जाती थीं। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपराधियों के भय से कोई नई गाड़ी नहीं खरीदना चाहता था। पैसा रहते हुए भी कोई नया मकान नहीं बनाना चाहता था। राज्य में रंगदारों के आतंक की वजह से उद्योग धंधे बंद हो चुके थे। राज्य से डॉक्टर-इंजीनियर पलायन कर रहे थे। पूरी व्यवस्था चरमरा गई थी। उन्होंने कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई थी। अपराध को सत्ता से सीधे संरक्षण मिल रहा था और सत्ता में बैठे लोगों ने शासन-प्रशासन को पूरी तरह से पंगु बना कर रख दिया था। राज्य की जनता डर के साए में जीवन व्यतीत करने को मजबूर थी। बिहारी कहलाना अपमान की बात थी। 

नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2005 में जब हमलोगों की सरकार बनी, तो हमने सबसे पहले विधि-व्यवस्था के संधारण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कानून का राज स्थापित किया। अपराध और भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई। अब राज्य में किसी प्रकार के डर एवं भय का वातावरण नहीं है। राज्य में प्रेम, भाईचारे और शांति का माहौल है। उन्होंने कहा कि पहले पुलिस के पास न तो गाड़ियां होती थीं और न हथियार। अत्याधुनिक हथियारों के अभाव में पुलिस का मनोबल काफी नीचे था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2005 में बिहार में थानों की संख्या सिर्फ 817 थी, जिसे बढ़ाकर अब 1380 से भी ज्यादा कर दिया गया है। पुलिस थानों के लिए अत्याधुनिक भवन बनाए गए। 

साथ ही, पुलिस वाहनों की संख्या कई गुणा बढ़ाई गयी। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन को अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया गया। सिपाही एवं पुलिस पदाधिकारियों की नियुक्ति को प्राथमिकता दी गई। स्पेशल ऑक्जिलरी पुलिस (सैप) का गठन किया गया। नीतीश कुमार ने आगे लिखा है कि 24 नवंबर 2005 को राज्य में नई सरकार बनने के समय बिहार पुलिस में कार्यरत बल की संख्या काफी कम थी। उस समय मात्र 42 हजार 481 पुलिसकर्मी कार्यरत थे। हमारी सरकार ने वर्ष 2006 में कानून व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए पुलिस बल की संख्या में बढ़ोत्तरी की। 

उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में पुलिस बल की संख्या बढ़कर 1 लाख 25 हजार से भी ज्यादा हो गई है। सरकार ने तय किया है कि पुलिस बल की संख्या को और बढ़ाना है। इसके लिए कुल 2 लाख 29 हजार से भी अधिक पदों का सृजन कर तेजी से पुलिसकर्मियों की बहाली की जा रही है। नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2013 से ही पुलिस में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया गया। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये तथा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये बिहार पुलिस में महिला सिपाहियों की बड़ी संख्या में नियुक्ति की गयी। साथ ही 'आदिवासी महिला स्वाभिमान बटालियन' का गठन किया गया। 

उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस में महिलाओं की भागीदारी आज देश में सबसे ज्यादा है। वर्ष 2008 में राज्य सिपाही भर्ती बोर्ड का गठन किया गया एवं वर्ष 2017 में बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग का गठन किया गया ताकि पुलिस बल की नियुक्ति शीघ्र हो सके। अपराध के वैज्ञानिक अनुसंधान के लिये विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना की गयी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपराधिक मामलों के तेजी से निष्पादन के लिये थानों में विधि व्यवस्था और अनुसंधान को अलग-अलग किया गया। राज्य की जनता ने 2005 में ही तय कर लिया था कि उसे तरक्की की राह पर बढ़ता हुआ बिहार चाहिए। 

उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 का वह वक्त बिहार के लिए एक बहुत बड़ा निर्णायक मोड़ था। आज बिहार में न्याय के साथ विकास हो रहा है। युवा वर्ग को नौकरी और रोजगार मिल रहा है। नीतीश कुमार ने कहा कि बहन-बेटियों और महिलाओं के उत्थान के लिए नित नये काम हो रहे हैं। नया बिहार, उद्योग और बढ़ते कारोबार वाला बिहार है। उन्होंने कहा कि बिहार में खुशहाली है, बिहार में सुशासन है। अब बिहारी कहलाना अपमान नहीं सम्मान की बात है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के लोग अब कभी भी उस अराजक दौर में वापस नहीं लौटेंगे।

Web Title: Bihar Polls: Nitish Kumar posted on social media, evoking memories of the Lalu-Rabri government, saying crime and corruption were rampant in Bihar before 2005.

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