महागठबंधन सीट शेयरिंगः कांग्रेस ने 76, मुकेश साहनी ने 40 और भाकपा-माले ने 29 सीट मांगी?, लालू और तेजस्वी यादव के सामने कई चुनौती
By एस पी सिन्हा | Updated: October 14, 2025 14:01 IST2025-10-14T14:00:08+5:302025-10-14T14:01:26+5:30
bihar polls Grand Alliance seat sharing: बिहार में राहुल गांधी की मतदाता अधिकार यात्रा की सफलता से कांग्रेस पार्टी उत्साहित है और वह किसी भी कीमत पर सीटों से समझौता नहीं करना चाहती है।

file photo
पटनाः महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। विपक्षी महागठबंधन में गांठ पड़ती दिख रही है। अभी तक सीट शेयरिंग को लेकर कोई फैसला नहीं होने कारण सहयोगी दलों का धैर्य जवाब देने लगा है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी भी अब अपनी तरफ से उम्मीदवारों की घोषणा की तैयारी में है। महागठबंधन में पड़ी ये गांठ और बढ़ सकती है। कांग्रेस ही नहीं वाम दल और मुकेश सहनी की वीआईपी भी अधिक सीटें मांग रही है। वीआईपी 40 सीटें और वाम दल खासकर भाकपा-माले 29 सीटें मांग रही है। बीते चुनाव में वाम दलों की जीत का स्ट्राइक सबसे शानदार रहा है।
लेकिन खुद राजद भी कम से कम 135 सीटों पर लड़ना चाहती है। सूत्रों के अनुसार बिहार में राहुल गांधी की मतदाता अधिकार यात्रा की सफलता से कांग्रेस पार्टी उत्साहित है और वह किसी भी कीमत पर सीटों से समझौता नहीं करना चाहती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर बात अटकने के बाद कांग्रेस पार्टी अपनी तरफ से 76 उम्मीदवार तय कर दी है।
अब कांग्रेस पार्टी सीट बंटवारे का इंतजार नहीं करेगी। वह जल्द ही अपने उम्मीदवार को टिकट देना शुरू करेगी। हालांकि ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि तेजस्वी और कांग्रेस नेतृत्व के बीच सीटों को लेकर कोई अंतिम फैसला किया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस पार्टी किसी भी कीमत पर 60 से कम सीट स्वीकार नहीं करेगी। बीते 2020 के चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी।
दूसरी तरफ राजद उसे अधिकतम 55 सीटें देना चाहती है। सीटों के बंटवारे के लिए तेजस्वी यादव दिल्ली गए, लेकिन दिल्ली में न तो राहुल गांधी से मुलाकात की और ना ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिले। सूत्रों के अनुसार तेजस्वी यादव ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ करीब डेढ़ घंटे तक चर्चा की, लेकिन सीटों को लेकर कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका।
उधर, सोमवार को राजद ने अपने उम्मीदवारों को सिंबल जारी किया था। लेकिन, महागठबंधन में दरार की खबरों के बीच कई उम्मीदवारों से सिंबल वापस ले लिया गया। यह स्थिति गठबंधन में असहमति की गहरी छाया दिखाती है। इसी बीच कांग्रेस ने अपने नेताओं से बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार करने को कहा है।
देर रात दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर हुई हाईलेवल बैठक में नेताओं को वहीं रुकने का निर्देश दिया गया। बैठक में पार्टी ने साफ कहा कि इस बार सीटों की क्वालिटी पर कोई समझौता नहीं होगा। इस बीच राजद की संभावित सूची के मुताबिक, पार्टी करीब 140 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस के हिस्से में लगभग 60 सीटें आ रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सीटों के इस बंटवारे को लेकर दोनों दलों में अभी भी मतभेद हैं। वहीं, महागठबंधन में चल रही खींचतान को लेकर सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। राजद नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने ट्वीट किया कि "रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो छिटकाय टूटे से फिर न मिले, मिले गांठ परिजाय।"
जबकि कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने इसका जवाब देते हुए लिखा कि "शहर में आग है मगर राख में अब भी रूह है, कुछ लोग हैं जो मोहब्बत को जिंदा रखे हुए हैं।" बता दें कि सीटों के बंटवारे के बिना ही राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने पार्टी का सिंबल बांटना शुरू कर दिया था। सोमवार की शाम राबड़ी आवास पर राजद से टिकट के कई दावेदार पहुंचे थे।
संभावित उम्मीदवारों को राबड़ी आवास पर पार्टी की ओर से ही बुलाया गया था। देर रात लालू प्रसाद यादव ने कई संभावित उम्मीदवारों को पार्टी का सिंबल बांट दिया। लेकिन दिल्ली से पटना लौटते ही तेजस्वी यादव ने उन नेताओं को वापस राबड़ी आवास बुलाया, जिन्हें लालू प्रसाद ने पार्टी का सिंबल दिया था। सूत्रों की मानें तो तेजस्वी के पटना पहुंचने के बाद राजद ने जिन उम्मीदवारों को सिंबल दिया गया था।
उनसे वापस ले लिया गया। देर रात राजद के उम्मीदवार बारी बारी से राबड़ी आवास पहुंचे और सिंबल वापस कर दिया। इस पर जब राजद नेताओं से सवाल हुआ तो उन्होंने सीधा जवाब देने से बचा। राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि महागठबंधन सब कुछ ठीक है, जल्द फैसला हो जाएगा।