सीएपीएफ की 350-400 कंपनियों के साथ बिहार पुलिस की तैनाती?, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आयोग सख्त, तारीखों की घोषणा जल्द, 3 चरण में मतदान होने की संभावना
By एस पी सिन्हा | Updated: September 27, 2025 15:17 IST2025-09-27T15:14:09+5:302025-09-27T15:17:32+5:30
मतदान के दिन किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या हिंसा को रोकने के लिए आयोग हर बार विशेष सुरक्षा इंतजाम करता है, और इस बार भी उसी दिशा में काम किया जा रहा है।

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पटनाः बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों पर चुनाव होना है। चुनाव आयोग जल्द ही तारीखों की घोषणा कर सकता है। ऐसे में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष रणनीति तैयार की जा रही है। चुनाव आयोग के अनुसार, स्थानीय पुलिस बल की संख्या पर्याप्त नहीं है, इसलिए केंद्रीय बलों की व्यापक तैनाती की जाएगी।
मतदान के दिन किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या हिंसा को रोकने के लिए आयोग हर बार विशेष सुरक्षा इंतजाम करता है, और इस बार भी उसी दिशा में काम किया जा रहा है। ऐसे में चुनाव की तैयारियों को लेकर प्रशासन ने सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है। सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है ताकि हर स्तर पर चौकसी बरती जा सके।
आयोग का उद्देश्य स्पष्ट है- चुनाव की प्रक्रिया न सिर्फ पारदर्शी हो, बल्कि पूरी तरह शांतिपूर्ण माहौल में पूरी की जाए। इसके तहत राज्य में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 350 से 400 कंपनियों के अलावा अन्य राज्यों की पुलिस इकाइयों की भी तैनाती की जा सकती है।
सूत्रों के अनुसार, एक सीएपीएफ कंपनी में लगभग 70 से 80 जवान होते हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव के दौरान हजारों सुरक्षाकर्मी राज्य के विभिन्न हिस्सों में तैनात किए जाएंगे, जो मतदान प्रक्रिया के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएंगे। खासकर संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की विशेष तैनाती रहेगी,
जहां हिंसा या गड़बड़ी की आशंका अधिक रहती है। केंद्रीय बलों की ड्यूटी केवल मतदान दिवस तक सीमित नहीं होगी। वे नामांकन, चुनाव प्रचार, मतदान और मतगणना हर चरण में अहम जिम्मेदारियां निभाएंगे। सुरक्षा बलों का प्रमुख कार्य मतदान केंद्रों की सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण और किसी भी आपात स्थिति से निपटना होगा।