तेजस्वी यादव के आगे कांग्रेस ने डाले हथियार?, बिहार में एक नहीं 2 उपमुख्यमंत्री, अशोक गहलोत बोले- बनाएंगे महागठबंधन सरकार
By एस पी सिन्हा | Updated: October 23, 2025 15:27 IST2025-10-23T14:38:33+5:302025-10-23T15:27:17+5:30
अभी निर्णय नहीं लिया गया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले भी दोनों बंद कमरे में मिले। आखिरकार कई सीटों पर फ्रेंडल फाइट की स्थिति के बावजूद कांग्रेस को रजामंदी की मुहर लगाना पड़ा।

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पटनाः महागठबंधन के सहयोगी दलों ने आखिरकार तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा मान लिया। भारी विवाद के बाद गुरूवार को पटना के एक निजी होटल में सयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऐलान किया कि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे। अशोक गहलोत ने कहा कि महागठबंधन के सभी सहयोगियों ने मिलकर निर्णय लिया है कि बिहार में महागठबंधन तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा और तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री का चेहरे होंगे। तेजस्वी यादव नौजवान हैं, इनका लंबा फ्यूचर है और जिनका लंबा फ्यूचर होता है।
VIDEO | Bihar Assembly Elections: When asked if anyone from Congress could be Deputy CM, senior Congress leader Ashok Gehlot said, “Let the elections happen first… it could be anyone.”
— Press Trust of India (@PTI_News) October 23, 2025
Vikassheel Insaan Party (VIP) chief Mukesh Sahani has been announced as the Deputy CM face of… pic.twitter.com/5jUMdcG64b
VIDEO | Bihar Assembly Elections: As the Mahagathbandhan announced RJD leader Tejashwi Yadav as its chief ministerial face for the upcoming polls, senior Congress leader Ashok Gehlot, speaking to PTI, said, “It was an obvious decision, as it's (RJD) the major party in the… pic.twitter.com/uQJS9ygAeY— Press Trust of India (@PTI_News) October 23, 2025
उनका साथ जनता भी देती है। इस दौरान अशोक गहलोत ने 2 उपमुख्यमंत्री बनाने की भी घोषणा की। जिसमें एक वीआई प्रमुख मुकेश सहनी भी होंगे। दूसरा उपमुख्यमंत्री दूसरे समाज से बनाया जाएगा। अभी निर्णय नहीं लिया गया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले भी दोनों बंद कमरे में मिले। आखिरकार कई सीटों पर फ्रेंडल फाइट की स्थिति के बावजूद कांग्रेस को रजामंदी की मुहर लगाना पड़ा।
संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में राजद नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत, भाकपा-माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू समेत गठबंधन के सभी बड़े नेता मौजूद थे। इस दौरान अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा धनबल का उपयोग कर चुनाव जीत रही है। हमने मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा कर दी।
अब एनडीए बताएं कि उनका मुख्यमंत्री कौन होगा? उन्होंने आगे कहा कि हमने काफी सोच समझ कर यह फैसला लिया है। अशोक गहलोत ने कहा कि खड़गे साहब, राहुल गांधी के फैसले पर तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए जाते हैं। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र में शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़े, बाद में उन्होंने किया क्या?
इसी तरह बिहार में भी नीतीश कुमार को वे मुख्यमंत्री नहीं बनाएंगे। अशोक गहलोत ने कहा कि स्थिति बहुत गंभीर है। लोकतंत्र खतरे हैं। बिहार में बदलाव की आवश्यकता है। 50 सालों की राजनीति में ऐसा चुनाव आयोग नहीं देखा। महाराष्ट्र में इन लोगों ने कैसे चुनाव जीता उसे बताने की जरूरत नहीं है। पूरा देश इसे जानता और समझता है।
अब बिहार में इसे दोहराने की कोशिश की जा रही है। इन तमाम स्थितियों को देखते हुए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी और राहुल गांधी जी की सहमति से यह फैसला लिया गया है। किसान, मजदूर, आम आदमी, छात्र नौजवान सभी बदलाव चाहते हैं। राहुल जी की यात्रा हुई तो तेजस्वी जी साथ थे। पब्लिक में मैसेज गया उसे पूरे देश ने देखा।
अशोक गहलोत ने कहा कि देश में ध्रुवीकरण बढ़ गया है और आलोचना करने पर लोगों को जेल में डाल दिया जा रहा है। अन्य नेताओं ने भी महागठबंधन की एकजुटता पर जोर देते हुए कहा कि यह गठबंधन पूरी तरह से मजबूत है और जनता बदलाव चाहती है। बिहार में महागठबंधन एनडीए के खिलाफ मजबूती से खड़ा है और जनता के हित के लिए लड़ाई लड़ रहा है।
सभी दलों ने जनता से अपील की कि वे गठबंधन को समर्थन दें और इस चुनाव में बदलाव का संकल्प पूरा करें। उन्होंने भाजपा और एनडीए पर साम, दाम, दंड, भेद के बल पर तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनने से रोकने का भी आरोप लगाया। अशोक गहलोत ने कहा कि मीडिया की ओर से बार-बार मुख्यमंत्री के बारे में सवाल किया जा रहा था, इसलिए आज घोषणा करनी पड़ी।
महागठबंधन का मुख्यमंत्री का चेहरा बनते ही राजद नेता तेजस्वी यादव का जोश हाई हो गया है। इस दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि गठबंधन के सभी दलों ने उन पर भरोसा जताया है। वह जनता और अपने सहयोगियों के विश्वास पर खरा उतरेंगे। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा के चाणक्य अमित शाह को चुनौती देते हुए कहा कि गुजरात में फैक्ट्री और बिहार विक्ट्री का फार्मूला नहीं चलेगा।
उन्होंने कहा कि इस बीस साल की निकम्मी सरकार को हम उखाड़ फेंकेंगे और बिहार के लोगों को विकास और न्याय देंगे। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री पद के संभावित चेहरे को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि गठबंधन नेताओं ने बार-बार बैठकें की हैं और हर निर्णय सोच-समझकर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि लोग पूछ रहे थे कि हमारा मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा? हम मुख्यमंत्री और सरकार बनाने के लिए नहीं, बिहार को बनाने के लिए आए हैं। अभी गहलोत जी ने सही कहा है कि हमने तो मुख्यमंत्री का चेहरा बता दिया आप कब बताएंगे? भाजपा वाले नीतीश जी को मुख्यमंत्री नहीं बनाएंगे। अमित शाह हमेशा बोलते रहते हैं कि विधायक दल की बैठक में फैसला लिया जाएगा।
तेजस्वी ने कहा कि आखिर क्या बात है कि आप नीतीश कुमार जी को मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बता रहे हैं? उन्होंने कहा कि अमित शाह ने साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार जी का ये आखिरी चुनाव है। 20 साल से ये राज कर रहे हैं और सबसे ज्यादा गरीबी बिहार में है। रोजगार के लिए भी सबसे ज्यादा लोग यहीं से पलायन कर रहे हैं। यहां थाने में कोई सुनवाई नहीं होती।
20 साल में 70 हजार से ज्यादा हत्याएं हुईं हैं। यहां का विभाग मंत्री नहीं अफसर चला रहे हैं। तेजस्वी यादव ने दावा किया कि जदयू के कई नेता भाजपा के संपर्क में हैं और जदयू पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव के बाद खत्म होने वाली है। उन्होंने यह भी दावा किया कि एनडीए के लोग सीएम नीतीश को 2025 में मुख्यमंत्री नहीं बनाएंगे।
तेजस्वी ने गृह मंत्री अमित शाह के बयान कि चुनाव के बाद विधायक दल तय करेंगे कि मुख्यमंत्री कौन होगा को याद दिलाते हुए कहा कि चुनाव सिर्फ लड़ा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे पर जा रहा है, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा। तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि अब एनडीए के लोग अपने मुख्यमंत्री का ऐलान करे।
तेजस्वी यादव ने कहा कि वह जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांटने वाली राजनीति को खत्म करेंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि तेजस्वी भ्रष्टाचार या अपराध से समझौता नहीं करेगा। अगर तेजस्वी की परछाई भी गलत काम करेगी, तो उसे सजा दिलाई जाएगी। तेजस्वी यादव ने कहा कि यूपीए सरकार के बाद बिहार में एक भी फैक्ट्री नहीं लगी। सरकार ने उद्योगपतियों को जमीन ही नहीं दी।
जनता मोदी जी और नीतीश जी से बीस सालों का हिसाब लेगी। तेजस्वी यादव ने कहा कि तेजस्वी की परछाई (छाया) भी अगर गलत काम करेगी तो उसको भी तेजस्वी सजा दिलाने का काम करेगा, ये संकल्प है। एक नया बिहार बनाने का काम हम करेंगे। वहीं, भाकपा- माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि 2020 के चुनाव में कोरोना संकट के कारण जनता की आवाज दबा दी गई थी।
लेकिन इस बार जनता परिवर्तन के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को कर्ज में फंसाया जा रहा है और जनता इससे मुक्ति चाहती है। उन्होंने विश्वास जताया कि सात दलों का यह गठबंधन बिहार और झारखंड दोनों जगह भाजपा के एजेंडे को खारिज कर देगा। जबकि महागठबंधन के सहयोगी नेता मुकेश सहनी ने कहा कि 3 साल से इस घड़ी का इंतजार कर रहे थे।
हाथ में गंगाजल लेकर हमने संकल्प लिया कि भाजपा को हटाना है। अब मजबूती के साथ महागठबंधन के साथ सरकार बनाएंगे। उल्लेखनीय है कि बीते कुछ महीनों से कांग्रेस पार्टी तेजस्वी को मुख्यमंत्री का चेहरा मानने से परहेज कर रही थी। राहुल गांधी से लेकर कांग्रेस के शीर्ष नेता तेजस्वी के मुख्यमंत्री के चेहरे के सवाल को मीडिया के सामने टालते रहे।
इस बीच महागठबंधन में सीट बंटवारे पर राजद, कांग्रेस और अन्य घटक दलों के बीच सहमति और असहमति का भी लंबा दौर चला। विधानसभा चुनाव के लिए पहले और दूसरे चरण के नामांकन के दौरान महागठबंधन की कलह खुलकर सामने आ गई थी। कुछ सीटों पर घटक दलों ने एक-दूसरे के सामने ही उम्मीदवार उतारकर दोस्ताना संघर्ष बना दिया।
सुल्तानगंज, कहलगांव, वैशाली समेत कुछ सीटों पर कांग्रेस और राजद दोनों के उम्मीदवारों के नामांकन कर दिया। कांग्रेस ने बछवाड़ा और अन्य जगह पर भाकपा के खिलाफ भी अपना प्रत्याशी उतारा। इस वजह से महागठबंधन में गांठ उलझती नजर आई। खासकर राजद और कांग्रेस के बीच सीटों पर तनातनी बढ़ने के बाद अशोक गहलोत को सुलह के लिए पटना भेजा गया।
गहलोत ने पटना आने के बाद बुधवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी से मुलाकात की। हालांकि, इस मुलाकात के तुरंत बाद उन्होंने कुछ खास नहीं बोला और कहा कि गुरुवार को महागठबंधन की साझा प्रेस वार्ता में स्पष्ट कर दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि महागठबंधन में उलझी हुई गांठ को अब सुलझा दिया गया है। ट
कांग्रेस ने तेजस्वी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने के साथ ही सहनी को उपमुख्यमंत्री बनाने का वादा करके सारी कंफ्यूजन दूर कर दी है। सियासत के जानकारों का मानना है कि अब तक मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर टालमटोल करने वाली कांग्रेस ने आखिरकार लालू-तेजस्वी के सामने अपने हथियार डाल दिए। चुनाव में इसका क्या असर होगा यह 14 नवंबर को रिजल्ट आने के बाद साफ हो जाएगा।