Bihar Politics News: अल्पसंख्यक वोटों पर नजर, राजद और कांग्रेस को झटका देंगे ओवैसी, बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में उतारेंगे प्रत्याशी
By एस पी सिन्हा | Updated: March 12, 2024 12:01 IST2024-03-12T11:59:49+5:302024-03-12T12:01:35+5:30
Bihar Politics News Lok Sabha Elections 2024: एआईएमआईएम ने बिहार पर खास नजर बना रखी है। यहां पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को बड़ी जीत मिली थी।

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Bihar Politics News Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी राजद और कांग्रेस को बड़ा झटका देने की तैयारी में जुट गए हैं। अल्पसंख्यक-यादव वोटों को साधने के लिए लालू यादव के एम-वाई समीकरण को जाना जाता है। लेकिन अब ओवैसी की योजना लालू के एम यानी मुस्लिम(अल्पसंख्यक) वोटों में सेंधमारी की है। असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने बिहार सहित उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में कई सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। ऐसे में यहां ओवैसी की पार्टी के चुनाव लड़ने से बिहार में अल्पसंख्यक वोटों में बड़ी सेंधमारी हो सकती है। बताया जाता है कि एआईएमआईएम ने बिहार पर खास नजर बना रखी है। यहां पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को बड़ी जीत मिली थी।
उसी अनुरूप अब लोकसभा चुनाव में पार्टी किशनगंज के अलावा, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, दरभंगा, मधुबनी और गया में चुनाव लड़ना चाहती है और गठबंधन के लिए बसपा के साथ बातचीत कर रही है। हालांकि अभी तक बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर कोई फैसला नहीं हुआ है।
बसपा का दलितों के बीच मजबूत पकड़ है। ऐसे में दलित और मुस्लिम वोटों के सहारे असदुद्दीन ओवैसी बिहार में बड़ा खेला कर सकते हैं। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में, ओवैसी की एआईएमआईएम ने सीमांचल क्षेत्र में पांच सीटें जीती थी। हालांकि, बाद में राजद ने 5 में से 4 विधायकों को शामिल कर लिया था।
यह राजद एक एक ऐसा कदम था जिसने ओवैसी को बिहार में परेशान कर दिया। अब ओवैसी इसका पलटवार लोकसभा चुनाव में करना चाहते हैं। इसके लिए पार्टी ने बड़ी रणनीति बनाई है। उन इलाकों में जहां अल्पसंख्यक मतदाताओं की तादाद है, वहां का लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। किशनगंज बिहार में सर्वाधिक अल्पसंख्यक बहुल लोकसभा सीटों में एक है।
इसी तरह सीमांचल के इलाकों में अल्पसंख्यकों की भरमार है। जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि किशनगंज में 68 फीसदी, कटिहार में 43 फीसदी, अररिया में 42 फीसदी, पूर्णिया में 38 फीसदी, दरभंगा में 23 फीसदी, मधुबनी में 26 फीसदी और गया में 13 फीसदी अल्पसंख्यक हैं। इन्हीं अल्पसंख्यक बहुल सीटों पर ओवैसी की नजर मानी जा रही है।