Bihar Politics News: सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत को राजनीति में लाने की मांग, विद्यानंद विकल ने फेसबुक पोस्ट लिखा, पढ़िए
By एस पी सिन्हा | Updated: June 17, 2024 16:47 IST2024-06-17T16:45:16+5:302024-06-17T16:47:50+5:30
Bihar Politics News: डीएमके के एमके स्टालिन, झामुमो के हेमंत सोरेन, सपा के अखिलेश यादव, बीजद के नवीन पटनायक, राजद के तेजस्वी यादव, शिवसेना के उद्धव ठाकरे, टीएमसी के अभिषेक बनर्जी।

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Bihar Politics News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार क्या सियासत में भी कदम रखेंगे? दरअसल, जदयू नेताओं के द्वारा इसकी मांग शुरू कर दी गई है। राज्य उपभोक्ता संरक्षण आयोग के अध्यक्ष विद्यानंद विकल ने सोमवार को फेसबुक पोस्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री से मांग की है कि वह अपने पुत्र निशांत कुमार को जदयू की मुख्यधारा की राजनीति में शामिल करें। उनके पोस्ट पर बहुतायत टिप्पणी इस मांग के पक्ष में है। विकल ने अपने पोस्ट में लिखा है कि बदलते राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में बिहार को एक युवा नेतृत्व की जरूरत है और ई. निशांत में युवा नेतृत्व के सारे गुण मौजूद हैं। जदयू के एक अन्य नेता परमहंस कुमार ने भी कहा कि निशांत के मन में धन या पद का लालच नहीं है। उन्होंने कहा कि सादगी पसंद निशांत सक्रिय राजनीति के माध्यम से राज्य की बेहतर सेवा कर सकते हैं।
उन्हें निश्चित रूप से राजनीति में आना चाहिए। उन्होंने कहा कि जदयू में पहले से अच्छे नेता मौजूद हैं। अगर निशांत शामिल होते हैं तो यह दल के लिए और अच्छा होगा। विकल के पोस्ट पर टिप्पणी करने वाले लोगों ने कहा है कि निशांत को जदयू की नेतृत्वकारी टीम में शामिल करना चाहिए। निशांत की राजनीतिक सक्रियता को जदयू और राज्य के हित में बताया गया है।
हालांकि निशांत की राजनीति में दिलचस्पी कभी खुलकर सामने नहीं आई है। वैसे कुछ खास अवसरों पर उन्होंने अपने पिता के कामकाज की प्रशंसा की है। 2007 में अपनी मां मंजू सिन्हा के निधन के बाद से निशांत लगातार अपने पिता के साथ मुख्यमंत्री निवास में ही रहते हैं। बी टेक की पढ़ाई कर चुके निशांत का झुकाव अध्यात्म की ओर है। हालांकि देश की क्षेत्रीय पार्टियों का शीर्ष नेतृत्व संतानें ही करती हैं।
इसमें डीएमके के एमके स्टालिन, झामुमो के हेमंत सोरेन, सपा के अखिलेश यादव, बीजद के नवीन पटनायक, राजद के तेजस्वी यादव, शिवसेना के उद्धव ठाकरे, टीएमसी के अभिषेक बनर्जी। ये सब उन दलों के नेता हैं, जिनकी स्थापना में उनके परिवार या पिता का ही योगदान रहा है। बसपा प्रमुख मायावती और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी अविवाहित हैं। दलों में नेतृत्व निकटस्थ रिश्तेदार को आगे बढ़ाया है।