Bihar News: 1 अक्टूबर से स्मार्ट मीटर उखाड़ फेंको अभियान?, राजद करेगी राज्यव्यापी आंदोलन, करोड़ों का घूस वसूला जा रहा
By एस पी सिन्हा | Updated: September 25, 2024 16:34 IST2024-09-25T16:33:34+5:302024-09-25T16:34:22+5:30
Bihar Politics News: स्मार्ट बिजली मीटर से आम नागरिक परेशान हैं और सरकार द्वारा सुनियोजित लूट मचाई जा रही है।

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Bihar Politics News: बिहार में राजद ने एक अक्टूबर से स्मार्ट मीटर के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन करने का ऐलान किया है। अगर सरकार ने इस पर निर्णय नहीं लिया तो पूरे बिहार में राजद स्मार्ट मीटर उखाड़ फेंको अभियान भी चालू करेगी। राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और पार्टी प्रवक्ता शक्ति यादव ने बुधवार को नीतीश सरकार पर राज्य के बिजली उपभोक्ताओं से लूट मचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि स्मार्ट बिजली मीटर से आम नागरिक परेशान हैं और सरकार द्वारा सुनियोजित लूट मचाई जा रही है।
राजद प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में जगदानंद सिंह ने कहा कि स्मार्ट मीटर के नाम पर लूट मची है। गरीब और आम उपभोक्ता इससे परेशान है। एक अक्टूबर से जनता के मुद्दे को लेकर आंदोलन करेगी। गांव और नगर के व्यक्ति हर कोई परेशान है। अन्य प्रदेशों के मुकाबले बिहार मे तेजी से स्मार्ट मीटर की शिकायत बढ़ी है।
करोड़ों का घूस वसूला जा रहा है। उन्होंने कहा कि अकेले बिहार में जितना स्मार्ट मीटर लगे है, उतने पूरे देश में नहीं लगे हैं। बिहार में 32 लाख स्मार्ट मीटर लगे हैं, जो पूरे देश के अनुपात में काफी अधिक है। एक करोड़ 72 लाख स्मार्ट मीटर बिहार में लगने का लक्ष्य है। जगदानंद ने कहा कि स्मार्ट मीटर का मुख्य उद्देश्य था कि एक ही जगह से रीडिंग लेना, लेकिन 30 से 40 फीसदी अधिक रीडिंग आ रही है।
पूरे देश में चार लाख चार हजार में मेगावाट बिजली हो रही है। बिहार की हिस्सेदारी दस प्रतिशत आबादी देश भर में है। उस हिसाब से बिजली नहीं मिल पा रही है। राजद ने स्मार्ट मीटर हटाओ, दो सौ यूनिट बिजली हम लोगों ने मुफ्त देने की घोषणा की है। अगर सरकार ने स्मार्ट मीटरों को नहीं हटाया तो गांव वालों से विरोध करने और स्मार्ट मीटरो को उखाड़ फेकने की राजद अपील करता है।
उन्होंने कहा कि हम सरकार को डेढ़ महीने का अल्टीमेटम देते हैं। इसके बाद स्मार्ट बिजली मीटर लगाने वाले कर्मचारी और पदाधिकारी को गांव में घुसने नहीं देंगे और स्मार्ट बिजली मीटर को उखाड़ फेंकेंगे। गरीब, किसान और आम उपभोक्ता इससे काफी परेशान हैं। दूसरे राज्यों की तुलना में बिहार में तेजी से स्मार्ट मीटर की शिकायतें बढ़ी हैं।