Bihar Politics: किला ढहाने का खेल शुरू!, 12 फरवरी को एनडीए सरकार विश्वास मत, बीजेपी, राजद, जदयू और कांग्रेस में टूट की संभावना, जानें समीकरण
By एस पी सिन्हा | Published: February 8, 2024 06:01 PM2024-02-08T18:01:14+5:302024-02-08T18:03:48+5:30
Bihar Politics: 10-11 फरवरी को भाजपा के सारे विधायक बोधगया में रहेंगे। उन्हें विश्वासमत से ठीक पहले एक साथ पटना लाया जायेगा। विधायकों को हर हाल में 9 तारीख की शाम तक बोधगया पहुंच जाना है।
Bihar Politics: बिहार विधानसभा में 12 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार विश्वास मत प्रस्ताव पेश करने वाली है। इस विश्वासमत से पहले सियासी कयासों का बाजार गर्म है। दोनो तरफ से ’खेला होने’ के बयान के बीच सत्ता पक्ष एवं विपक्षी पार्टी के शीर्ष नेतृ्त्व को अपने विधायकों को टूट का अंदेशा नजर आ रहा है। लिहाजा उन्हें सुरक्षित रखने के लिए अलग-अलग तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। इस बीच भाजपा नेतृत्व को भी अपने विधायकों में टूट की आशंका दिखने लगी है। लिहाजा विधायकों को पटना से बाहर ले जाने की तैयारी है। 11 फरवरी तक विधायकों को उलझा कर रखने की प्लानिंग है। बताया जाता है कि 10-11 फरवरी को भाजपा के सारे विधायक बोधगया में रहेंगे। उन्हें विश्वासमत से ठीक पहले एक साथ पटना लाया जायेगा। विधायकों को हर हाल में 9 तारीख की शाम तक बोधगया पहुंच जाना है। बोधगया में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में सभी विधायक और विधान पार्षद को उपस्थित रहने को कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने पहले से ऐसा कोई कार्यक्रम तय नहीं किया था। बुधवार की रात भाजपा के बड़े नेताओं की बैठक हुई, जिसमें विश्वासमत से पहले सारे विधायकों को एक साथ रखने का फैसला लिया गया। इसके लिए प्रशिक्षण शिविर की प्लानिंग की गई। ये भी तय किया गया कि पटना में अगर शिविर लगाया गया तो विधायकों को इधर-उधर भटकने का खतरा होगा।
लिहाजा, शिविर को पटना से बाहर लगाया जाये। इसके लिए बोधगया का चयन किया गया। डर इस बात का भी है कि अगर पहले पटना लाया गया तो कहीं 11 फरवरी की रात को ही कुछ खेल न हो जाये। दरअसल, बिहार में खेला होने की चर्चा ने 7 फरवरी को जोर पकड़ा जब बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने चौंकाने वाला ऐलान कर दिया।
उन्होंने कह दिया कि वे कुर्सी नहीं छोडेंगे। यानी 12 फरवरी को जब नीतीश कुमार विश्वास मत पेश करेंगे तो उस दौरान राजद के अवध बिहारी चौधरी कुर्सी पर जबरन बने रहेंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह 12 फरवरी तक कुर्सी पर बने रहेंगे और उसके बाद अध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर फैसला होगा। अध्यक्ष के इस ऐलान के बाद बड़े संकट के आसार नजर आने लगे हैं।
उधर, सियासी गलियारे में चर्चा है कि लालू प्रसाद यादव ने जदयू और भाजपा के कम से कम एक दर्जन विधायकों से फोन पर बात की है। एनडीए के 6 विधायकों की लालू यादव से मुलाकात होने की भी खबर फैली है। इनमें तीन जदयू के हैं तो तीन भाजपा के। चर्चा है कि भाजपा नेतृत्व को भी पता चला है कि उसके कुछ विधायक राजद और लालू के संपर्क में हैं।
राजद सूत्रों ने बताया कि लालू यादव को जमीन के बदले नौकरी घोटाले के मामले में 9 फरवरी को दिल्ली की कोर्ट में हाजिर होना है। इसके लिए उन्हें 7 फरवरी को ही दिल्ली जाना था। लेकिन उन्होंने अपना टिकट कैंसिल करा दिया और पटना में जमे हैं। लालू का दांव कहां तक सफल होगा ये फिलहाल नहीं कहा जा सकता। लेकिन बिहार में खेला होने की संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं।
उधर कांग्रेस के 19 में से 16 विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट किया जा चुका है। बाकी तीन विधायक हैदराबाद नहीं पहुंच रहे हैं। वहीं, राजद भी अपने विधायकों पर निगरानी रख रही है। जबकि जदयू ने भी विश्वासमत से पहले 11 फरवरी को विधानमंडल दल की बैठक बुलाई है ताकि विधायकों पर नजर रखी जाए।