इजरायली तकनीक से लैस होंगे बिहार पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स, वॉल रडार सिस्टम की खरीदारी
By एस पी सिन्हा | Updated: July 7, 2025 17:39 IST2025-07-07T17:36:00+5:302025-07-07T17:39:02+5:30
एलईडी ड्रैगन लाइट (50) और वॉकी-टॉकी (50) लिया जाएगा, जो तेज रोशनी और बेहतर संचार व्यवस्था के लिए काम आयेगा।

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पटनाः बिहार में बढ़ते अपराध को देखते हुए नीतीश सरकार ने अब बिहार पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। गृह विभाग ने एसटीएफ के लिए करीब 5 करोड़ रुपये की लागत से इजरायली तकनीक से लैस कई घातक लेकिन फोर्स के लिए सेफ उपकरणों की खरीद को मंजूरी दी है। इस कदम को बिहार में क्राइम कंट्रोल की दिशा में तकनीकी क्रांति के रूप में देखा जा रहा है। इसमें वॉल रडार सिस्टम की खरीदगी की जाएगी, जिससे एसटीएफ 20 मीटर दूर से 12 इंच मोटी दीवार के पीछे छिपे अपराधी की हरकत देख सकेगी।
इससे मकान में छिपे अपराधी की सटीक लोकेशन का पता लगेगा और बिना जोखिम के कार्रवाई मुमकिन होगी। इसके साथ ही कॉर्नर शॉट वेपन (2 यूनिट) भी खरीदा जाएगा। यह हथियार कैमरा और स्क्रीन से लैस होता है, जिससे जवान बिना खुद सामने आए, कोने के पीछे से छिपे अपराधी को सटीक निशाना बना सकता है। इसका उपयोग इजरायल समेत कई देशों की स्पेशल फोर्स कर रही हैं।
वहीं, नॉन लीथल इनकैपेसिटिंग डिवाइस (10 यूनिट) मंगाई जाएगी। जिससे गोली चलाए बिना अपराधी को निष्क्रिय करने वाला ये डिवाइस भी एसटीएफ के पास होगा। वहीं, नाइट विजन डिवाइस (10) भी होगा, जिससे रात के अंधेरे में ऑपरेशन को सफल बनाने में काम आएगा। वहीं, एलईडी ड्रैगन लाइट (50) और वॉकी-टॉकी (50) लिया जाएगा, जो तेज रोशनी और बेहतर संचार व्यवस्था के लिए काम आयेगा।
जबकि हल्के टेंट (80) भी लिए जाएंगे, जिससे फील्ड ऑपरेशन के दौरान अस्थायी कैम्पिंग के लिए काम किया जाएगा। ये हाईटेक हथियार एसटीएफ को अर्बन एनकाउंटर, बंधक संकट और ऑपरेशन क्लीन जैसे खतरनाक अभियानों में बढ़त दिलाएंगे। सबसे अहम है कि अब जवानों की जान को जोखिम में डाले बिना दीवार के पीछे छिपे अपराधियों को ढूंढ कर मारा जा सकेगा।