बिहार: कोरोना के खिलाफ जारी जंग को मुंह चिढ़ा रहे हैं लोग, सड़कों पर बिक रहा सत्तू घोल और कटा फल, पुलिस बेफिक्र

By एस पी सिन्हा | Published: March 28, 2020 05:11 PM2020-03-28T17:11:04+5:302020-03-28T17:11:25+5:30

पटना में प्रशासन के तमाम दावे को धज्जियां उड़ाते हुए सत्तू घोलकर बेचने और फलों को काटकर बेचने की पूरी छूट देखी जा रही है.

Bihar People teasing the ongoing war against Corona, Sattu slurry and chopped fruit on the streets, police careless | बिहार: कोरोना के खिलाफ जारी जंग को मुंह चिढ़ा रहे हैं लोग, सड़कों पर बिक रहा सत्तू घोल और कटा फल, पुलिस बेफिक्र

बिहार: कोरोना के खिलाफ जारी जंग को मुंह चिढ़ा रहे हैं लोग, सड़कों पर बिक रहा सत्तू घोल और कटा फल, पुलिस बेफिक्र

Highlights गोरियाटोली में मेन रोड़ पर पपीता चाट का चटकारा लेते लोग स्वत: दिख जायेंगे. कई लोगों के द्वारा पटना के डीएम कंट्रोल रूम को फोन कर इसकी जानकारी भी दी जाती रही है, लेकिन इसे गंभीरता से नही लिया जाता.

पटना: बिहार में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के लिए जारी किये गये लॉकडाउन की गंभीरता को पुलिस-प्रसाशन के द्वारा गंभीरता से नही लिये जाने का मामला राज्य की राजधानी पटना में खुले तौर पर देखने को मिल रहा है. हालात ये हैं कि पटना में प्रशासन के तमाम दावे को धज्जियां उड़ाते हुए सत्तू घोलकर बेचने और फलों को काटकर बेचने की पूरी छूट देखी जा रही है. इस दौरान कई लोग बेफिक्र होकर इसका सेवन करते भी देखे जा रहे हैं.

सबसे मजेदार बात तो यह है कि पुलिस-प्रशासन की गस्ती के बावजूद उनके सामने ही पटना के कंकडबाग से निकलने पर चांदमारी रोड के सामने मेन रोड़ पर सत्तू कोला उपलब्ध है, आगे बढने अर चिरैयाटांड पुल के नीचे खुले तौर सत्तू कोला का ठेला मिल जायेगा. जबकि गोरियाटोली में मेन रोड पर पपीता चाट का चटकारा लेते लोग स्वत: दिख जायेंगे. ऐसा भी नही है कि पुलिस-प्रशासन के लोग इन ईलाकों से नही गुजर रहे हैं, बावजूद उनके आंखों के सामने ऐसी कई दुकानें धड़ल्ले से चल रही हैं.

दिलचस्प बात तो यह भी है कि कई लोगों के द्वारा पटना के डीएम कंट्रोल रूम को फोन कर इसकी जानकारी भी दी जाती रही है, लेकिन इसे गंभीरता से नही लिया जाता. इस संबंध में जब पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि से बात करने की कोशिस की गै तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नही समझा. यह महज कुछ उदाहरणमात्र हैं राजधानी पटना के. 

जानकार बताते हैं कि पुलिस की चहलकदमी के बावजूद कई लोग बेवजह सडकों पर निकलते देखे जा रहे हैं. ऐसी स्थिती तब है जब अन्य राज्यों की तरह कोरोना ने बिहार में भी अपना असर तेजी से दिखाना शुरू कर दिया है. यहां भी कोरोना मरीजों से लेकर संदिग्धों तक की संख्या तेजी से बढने लगी है. कतर से लौटे मुंगेर की एक युवक की मौत के बाद कोरोना पॉजिटिव और संदिग्धों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. आरएमआरआई के निदेशक डॉ प्रदीप दास के अनुसार बिहार में कोरोना संदिग्धों की संख्या 1760 हो गई है. शुक्रवार को 304 नए संदिग्धों की सूची सामने आई है. बताया जा रहा है कि 1456 लोग अब तक सर्विलांस में लिए गए थे. वहीं कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या 9 हो गई है. 

इसबीच, दरभंगा जिले के मधुबनी स्थित सीएचसी परिसर में कोरोना के संदिग्ध व्यक्ति मिलने पर अफरा-तफरी मच गई. इस दौरान चिकित्सक और चिकित्सा कर्मी अस्पताल छोडकर भाग निकले. बताया जाता है कि प्रखंड क्षेत्र के बरैल गांव में पुणे शहर के आइसोलेशन वार्ड से भागकर आया एक कोरोना संदिग्ध मरीज को परिवार के लोग भी उसे भगवान भरोसे छोड दिया है. संदिग्ध को जैसे ही पता चला कि उसे भी इस वायरस की संभावना है. 

वह एक सप्ताह पूर्व पुणे शहर को छोड वापस घर लौट आया. पहले तो वह अपने समुदाय को कुछ भी नहीं बताया. स्वास्थ्य बिगडने पर घर में बोला तो सभी उससे दूरी बना लिया. ग्रामीणों ने उसे अस्पताल में जांच कराने को कहा. किसी तरह पीएचसी के एंबुलेंस में जाकर बैठ गया. उसके शरीर पर पुणे के अस्पताल की मोहर लगी है.

वहीं, भागलपुर के मायागंज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड से कोरोना वायरस के दो संदिग्ध मरीज फरार हो गए हैं, इसकी सूचना अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर आरसी मंडल ने जिलाधिकारी को दी है. दोनों संदिग्ध मरीज ममलखा और खरीक के बताए जा रहे हैं. 

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