सीएम नीतीश के सात 'निश्चय' की खुली पोल, जनता दरबार में शख्स ने कहा-पंचायत में नल-जल योजना पूरी तरह से फेल, नल है, लेकिन जल नहीं
By एस पी सिन्हा | Updated: February 21, 2022 17:03 IST2022-02-21T17:02:21+5:302022-02-21T17:03:31+5:30
जनता दरबार में समस्तीपुर से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा कि सर आप आये हैं तो विकास तो हो रहा है. लेकिन नल-जल योजना फेल है.

नल-जल पहुंचा ही नहीं. इसपर फरियादी ने कहा कि जब आपके यहां शिकायत किये तो आनन-फानन में काम शुरू हुआ है.
पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में आज उनके महत्वाकांक्षी योजना सात निश्चय की पोल खुल गई. ऐसी बहुत सारी शिकायतें आज मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुंची, जिसमें हर घर नल जल योजना के तहत घरों में पानी सप्लाई अधूरी रह गई है.
किशनगंज से आये एक शख्स ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय की पोल खोलते हुए कहा कि हमारे पंचायत में नल-जल योजना पूरी तरह से फेल है. जनता दरबार में समस्तीपुर से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा कि सर आप आये हैं तो विकास तो हो रहा है. लेकिन नल-जल योजना फेल है. फरियादी ने कहा कि सर आपके नल योजना की परिभाषा यही है कि नल है लेकिन जल नहीं.
यह सिर्फ दिखावे की योजना है. मुख्यमंत्री ने जन-जल योजना की परिभाषा सुनकर फरियादी को अधिकारियों के पास भेज दिया. वहीं, किशनगंज से आये व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से कहा कि हमारे पंचायत में सिर्फ वाटर टावर बना दिया गया, लेकिन आज तक किसी के घर में एक बूंद पानी नहीं पहुंचा. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकांश गांवों में तो नल-जल योजना पहुंच गया है.
आप कह रहे हैं कि नल-जल पहुंचा ही नहीं. इसपर फरियादी ने कहा कि जब आपके यहां शिकायत किये तो आनन-फानन में काम शुरू हुआ है. इसके बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारी को फोन लगाया और कहा कि इस मामले को देखिए. वहीं शिवहर से आये एक व्यक्ति ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की योजना सात-निश्चय की पोल खोल दी.
इस पर मुख्यमंत्री ने आश्चर्य जताया और पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव को फोन कर इस मामले को देखने को कहा.वहीं, एक युवक ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं दिया गया. हमारी जगह किसी दूसरे को इसका लाभ दिया गया है. यह सुन मुख्यमंत्री चौंक गये.
युवक ने मुख्यमंत्री से कहा कि लोक शिकायत का फैसला भी उनके पक्ष में आया फिर भी अधिकारी नहीं सुन रहे. इसरे बाद मुख्यमंत्री गुस्सा गए. उन्होंने तुरंत मुख्य सचिव को बुलाया और कहा कि इस मामले में निर्णय लीजिए. आखिर इसमें इस युवका का क्या दोष है? आप वसूली करिए या क्या करेंगे, लेकिन इसे लाभ दें. ऐसा नहीं चलेगा.
इसी दौरान एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से कहा कि हमारे पंचायत में पंचायत भवन नहीं बना है. इस पर मुख्यमंत्री के तेवर तल्ख हो गए. उन्होंने कहा कि हम पंचायत भवन नहीं बनाते हैं. हम तो पंचायत को सरकार मानते हैं और पंचायत सरकार भवन बनाते हैं. पहले फेज का काम पूरा हो गया है. दूसरे और तीसरे फेज में पंचायत सरकार भवन का काम हो रहा है.