आर्थिक पिछड़ापन जहरीली शराब से मौत की वजह, सीएम नीतीश के मंत्री सुनील कुमार बोले

By एस पी सिन्हा | Updated: January 31, 2022 20:41 IST2022-01-31T20:40:12+5:302022-01-31T20:41:10+5:30

15 जनवरी को मकर संक्रांति के मौके पर नालंदा के छोटी पहाड़ी गांव में शराब पीने से 13 लोगों की मौत हो गई है. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर बक्सर में भी जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हुई थी.

bihar patna ban liquor poisonous Economic backwardness reason death CM Nitish kumar minister Sunil Kumar said | आर्थिक पिछड़ापन जहरीली शराब से मौत की वजह, सीएम नीतीश के मंत्री सुनील कुमार बोले

यूपी में 2013 में आजमगढ़ में 40 लोगों की मौत हुई थी.

Highlightsसारण जिले में जहरीली शराब पीने से 17 लोगों की मौत हो गई थी.बिहार समेत दूसरे राज्यों में जहरीली शराब से मौतें होती रही हैं.भोजपुर में 2012-13 में 21 लोगों की मौत हुई थी.

पटनाः बिहार में जहरीली शराब से हो रही मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. लेकिन राज्य के मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार का कहना है कि राज्य में जहरीली शराब से मरने का कारण शराबबंदी नहीं है बल्कि आर्थिक रूप से पिछड़ापन है. उन्होंने कहा कि आर्थिक पिछ्डे़पन के कारण कुछ लोग गलत धंधे में लग जाते हैं.

 

गलत तरीके से शराब बनाने लगते हैं. सस्ता होने की वजह से लोग उसे खरीद लेते हैं. तब ऐसे हादसे होते हैं. मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हमेशा कहते रहते हैं कि गलत चीज पिएंगे तो जान से हाथ धोएंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के पहले भी बिहार समेत दूसरे राज्यों में जहरीली शराब से मौतें होती रही हैं.

मंत्री सुनील कुमार ने उदाहरण देते हुए कहा कि भोजपुर में 2012-13 में 21 लोगों की मौत हुई थी. कैमूर में 2019 में 4,1998 में कटिहार में 35 लोगों की मृत्यु हुई थी. उन्होंने दूसरे राज्यों का भी उदाहरण दिया और कहा कि पंजाब में 2020 में 10 से 12 लोगों की मौत हुई थी. यूपी में 2013 में आजमगढ़ में 40 लोगों की मौत हुई थी.

कर्नाटक में 2008 में 345 लोगों की मौत हुई थी. मंत्री का दावा है कि चंद धंधेबाज गलत तरीके से शराब बनाते हैं और आर्थिक रूप से कमजोर लोग इसे खरीदते हैं क्योंकि ऐसे शराब की कीमत कम होती है. राज्य में शराबबंदी कानून में संशोधन किए जाने की बात को स्वीकार करते हुए मंत्री ने स्पष्ट किया कि शराबबंदी कानून को लागू हुए 5 साल से अधिक हो गए हैं, ऐसे में इस सामाजिक कानून को समय के हिसाब से बदलने पर मंथन चल रहा है. उन्होंने कहा कि इस बारे में अंतिम तौर पर कानून के विशेषज्ञों से बातचीत करके ही फैसला लेना है.

जाहिर है बिहार में शराबबंदी कानून पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सख्त हैं. ऐसे में अगर संशोधन भी होता है है. शराब बिहार में बिकने वाली नहीं है. लेकिन लोगों को जेल जाने से जरुर राहत दी जा सकती है. उल्लेखनीय है कि राज्य में शराबबंदी के बावजूद लगातार जहरीली शराब से हो रही मौतों के बाद सरकार की काफी फजीहत हुई है.

नीतीश कुमार विपक्ष के साथ-साथ सहयोगी पार्टियों के निशाने पर भी आ गये हैं. वर्ष 2016 से ड्राई स्टेट बिहार के कई जिलों में नकली शराब से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. राज्य सरकार अवैध शराब के कारोबार पर लगाम लगाने में नाकाम रही है.

इसी महीने 15 जनवरी को मकर संक्रांति के मौके पर नालंदा के छोटी पहाड़ी गांव में शराब पीने से 13 लोगों की मौत हो गई है. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर बक्सर में भी जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हुई है. जबकि उसके पहले सारण जिले में जहरीली शराब पीने से 17 लोगों की मौत हो गई थी.

Web Title: bihar patna ban liquor poisonous Economic backwardness reason death CM Nitish kumar minister Sunil Kumar said

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