बिहारः विपक्ष की बैठक अब 23 जून को, राहुल गांधी भी आएंगे, जदयू अध्यक्ष सिंह और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने किया ऐलान, इस दल के नेता होंगे शामिल
By एस पी सिन्हा | Published: June 7, 2023 07:57 PM2023-06-07T19:57:55+5:302023-06-07T19:59:06+5:30
जदयू अध्यक्ष ललन सिंह और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने किया। दोनों नेताओं ने कहा कि 23 जून को बैठक पर सभी पार्टियों की सहमति मिल गई है।

तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है।
पटनाः भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता के लिए बैठक की नई तारीख तय कर ली गई है। अब 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक होगी। इसके पहले 12 जून को बैठक होनी थी। लेकिन कांग्रेस व अन्य दलों ने तारीख पर असहमति जताई थी। इसके बाद बैठक को स्थगित कर दिया गया था।
नई तारीख का ऐलान जदयू अध्यक्ष ललन सिंह और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने किया। दोनों नेताओं ने कहा कि 23 जून को बैठक पर सभी पार्टियों की सहमति मिल गई है। अब इस बैठक में कांग्रेस के राहुल गांधी औऱ मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ साथ ममता बनर्जी, शरद पवार, अऱविंद केजरीवाल हेमंत सोरेन, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव, तमिलनाडु से एमके स्टालिन, सीपीआई के सचिव डी. राजा, सीपीएम के सचिव सीताराम येचुरी, भाकपा माले के दीपंकर भट्टाचार्य जैसे नेताओं की सहमति मिल गई है।
ये तमाम नेता बैठक में शामिल होंगे। तेजस्वी यादव ने कहा कि सबलोग एक प्लेटफार्म पर आ रहे हैं। देश में लोकतंत्र को कुचला जा रहा है। मुद्दे की बात नहीं हो रही है। तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है। इसके खिलाफ पटना में बड़ी बैठक होने जा रही है। बैठक के बाद एक ठोस रिजल्ट सामने आयेगा।
वहीं, ललन सिंह ने कहा कि आज देश के हालात इमरजेंसी से भी अधिक खतरनाक हो गए हैं। कोई कुछ बोलता है तो तोतों की कार्रवाई शुरू हो जाती है। इसलिए आज की आवश्यकता है कि भाजपा मुक्त देश बने। देश में फिर से लोकतंत्र स्थापित हो। 23 तारीख की विपक्षी दलों की बैठक इस काम में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां एक होकर 2024 का चुनाव लड़ेंगी।
पटना में विपक्षी पार्टियों की बैठक होगी और यहीं से देश से भाजपा को उखाड़ फेंकने की रणनीति बनेगी। बता दें कि इससे पहले पटना में 12 जून को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक टाल दी गई थी। दरअसल इस बैठक में कांग्रेस ने राहुल गांधी या अपने अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे को भेजने से इंकार कर दिया था। कांग्रेस ने अपने एक मुख्यमंत्री और एक अन्य नेता को भेजने का एलान किया था। इसके बाद बैठक टालने का फैसला लिया गया था।