बिहार: नीतीश कुमार के स्वर्गीय पिता की जयंती के अवसर पर होगा राजकीय समारोह, कैबिनेट ने दी मंजूरी
By एस पी सिन्हा | Published: January 5, 2022 04:02 PM2022-01-05T16:02:00+5:302022-01-05T16:04:00+5:30
बिहार सरकार की कैबिनेट बैठक में कुल 6 एजेंडों पर मुहर लगी है. राज्य सरकार ने कोरोना महामारी से मरने वाले लोगों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी है.
पटना:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिता और स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय कविराज राम लखन सिंह की जयंती के मौके पर 17 जनवरी को राजकीय समारोह आयोजित किया जायेगा. इसके साथ ही उनकी प्रतिमा स्थापित करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी है.
इसके साथ ही बैठक में कुल 6 एजेंडों पर मुहर लगी है. राज्य सरकार ने कोरोना महामारी से मरने वाले लोगों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके लिए सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में 105 करोड़ रुपये की अग्रिम स्वीकृति को मंजूरी दे दी है.
बिहार कैबिनेट की हुई बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिता प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय कविराज राम लखन सिंह के साथ ही वैद्य शहीद नाथुन प्रसाद यादव, शीलभद्र याजी, मोगल सिंह, एवं डूमर प्रसाद सिंह के सम्मान में नगर परिषद क्षेत्र बख्तियारपुर में स्थापित प्रतिमा स्थल पर प्रत्येक वर्ष 17 जनवरी को राजकीय समारोह आयोजित किए जाने की स्वीकृति दी गई है.
बता दें कि स्वर्गीय कविराज राम लखन सिंह की प्रतिमा बख्तियारपुर में लगी है. अब उसी प्रतिमा स्थल पर हर साल 17 जनवरी को राजकीय समारोह आयोजित किये जायेंगे.
वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पैतृक गांव कल्याण बीघा में पहले ही एक वाटिका का निर्माण करा रखा है. इस से वाटिका में नीतीश कुमार की माता और उनकी स्वर्गीय पत्नी की प्रतिमा भी लगाई गई है. लेकिन अब सरकारी स्तर पर प्रतिमा स्थापित किए जाने का निर्णय लिया गया है.
वहीं, नये साल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की पहली बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये. इसमें बिहार नगर पालिका अधिनियम-2007 के आलोक में एक नए नगर निकाय का गठन एवं तीन नगर निकायों का क्षेत्र विस्तार की स्वीकृति दी गई है. इसके साथ ही बिहार पेशा कर नियमावली में संशोधन की स्वीकृति दी गई है.
वहीं, पचास हजार की दर से कोरोना संक्रमण मृत व्यक्ति के परिजन को अनुग्रह अनुदान देने के लिए 20 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है.
इसके अलावे बिहार में राजस्व वृद्धि के लिए बिहार ईख नियमावली-1978 के नियम उपनियम में प्रथम अनुज्ञप्ति शुल्क, नवीकरण शुल्क में संशोधन का प्रस्ताव पास किया गया है.