बिहार में नाइट कर्फ्यू का असर नहीं, नाच-गान का आयोजन, शासन-प्रशासन जानकर भी अनजान
By एस पी सिन्हा | Published: April 25, 2021 04:13 PM2021-04-25T16:13:16+5:302021-04-25T16:14:33+5:30
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में प्रशासन की नाक के नीचे रात भर लोग अश्लील गानों पर झूमते हुए दिखे.
पटनाः बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते को देखते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में भले ही नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान कर दिया है, लेकिन सच्चाई यह है कि इस कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और शासन-प्रशासन केवल कागजी खानापूर्ति में लगा हुआ है.
राज्य में नाइट कर्फ्यू के साथ ही कई तरह के गाइडलाइंस भी जारी किये गए हैं. लेकिन, लोग एक के बाद एक इन सभी गाइडलाइं, को पैरों के तले दबाते हुए अपनी मनमर्जी करने में व्यस्त दिखते हैं. राज्य में नाइट कर्फ्यू लगाये जाने के बावजूद जगह-जगह से नाच-गान के कार्यक्रमों के आयोजन की खबरे लगातार आ रही हैं.
अभी पिछले ही दिनों मोतिहारी जिले के नरकटियागंज में बार बालाओं के डांस का वीडियो वायरल हुआ था. यह मामला अभी बहुत पुराना भी नही हुआ था कि वैशाली जिले के लालगंज में पूर्व विधायक व बाहुबली नेता मुन्ना शुक्ला के डांस का मामला सामने आकर सनसनी फैला दिया, इसपर अभी प्रशासन ने कानूनी कार्रवाई शुरू ही की है कि अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में प्रशासन की नाक के नीचे रात भर लोग अश्लील गानों पर झूमते हुए दिखे.
यह मामला जिले के इस्लामपुर थाना क्षेत्र के सोहजना गांव का है, जहां चैती नवरात्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर बार बालाओं से अश्लील ठुमके लगवाए गए. चैती नवरात्र के नाम पर रात भर बार बालाएं ठुमके लगाती रहीं और सैकड़ों लोग अश्लील धुनों पर झूमते रहे. अब यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. कई लोगों के द्वारा अब इस मामले में कार्रवाई की मांग की जा रही है.
बताया जाता है कि इस कार्यक्रम के लिए अनुमति भी पुलिस द्वारा नहीं दी गई थी. इस विडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह लोगों कोरोना का भय नहीं है. किसी भी व्यक्ति ने ना ही मास्क का इस्तेमाल किया है और ना ही दो गज की दूरी का पालन किया. यहां बता दें कि सरकार के तरफ से इन सभी तरह के कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है लेकिन लोग लगातार इसका उल्लंघन कर रहे हैं.
जानकारों की अगर मानें तो इस शादी-विवाह के मौसम में ग्रामीण इलाकों में बार बालाओं के नाच-गान का आयोजन बडे पैमाने पर किया जा रहा है. बारात ले जाना और उसमें नाच पार्टी का नही होना अपमानजनक बात माना जाता है, ऐसे में शादी-विवाह सहित अन्य कार्यक्रमों में बडे़ पैमाने पर नाच-गान का आयोजन किया जा रहा है. लेकिन शासन-प्रशासन जानकर भी अनजान बना रह रहा है. इसतरह कोरोनाकाल में कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.