Nepal-Bihar: बिहार के पश्चिमी चंपारण में सुस्ता गांव पर नेपाल ने किया कब्जा!, सुगौली संधि के तहत भारतीय सीमा में गांव
By एस पी सिन्हा | Updated: August 30, 2024 15:47 IST2024-08-30T15:47:11+5:302024-08-30T15:47:58+5:30
Nepal-Bihar: नेपाल ने सुस्ता गांव को अपना बताने के लिए पूरा का पूरा त्रिवेणी नगर पालिका क्षेत्र को गंडकी प्रदेश से निकाल कर लुंबिनी प्रदेश में शामिल कर लिया है।

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Nepal-Bihar: नेपाल के द्वारा भारतीय सीमा क्षेत्र में बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में सुस्ता गांव पर कब्जा कर लिए जाने की खबर से हड़कंप मच गई है। दरअसल, सुगौली संधि के तहत यह गांव भारतीय सीमा में है, लेकिन 50 साल पहले आई बाढ़ से यह क्षेत्र गंडक नदी के उस पार चला गया है। जिसके बाद आज तक विवाद चल रहा है। अब नेपाल का दावा है कि गंडक के इस पार की जमीन उसकी है। इसी बात को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद चल रहा है। नेपाल ने सुस्ता गांव को अपना बताने के लिए पूरा का पूरा त्रिवेणी नगर पालिका क्षेत्र को गंडकी प्रदेश से निकाल कर लुंबिनी प्रदेश में शामिल कर लिया है।
उल्लेखनीय है कि नेपाल और भारत का सीमा गंडक नदी से तय माना जाता है। करीब 50 साल पहले तक नरसहिया, सुस्ता समेत कई गांव भारत के क्षेत्र में थे, जो गंडक नदी के कटाव की वजह से दूसरी तरफ चले गए। ऐसा इसलिए हुआ कि जब नदी में कटाव हुआ तब उसने अपना रास्ता बदल लिया और ये क्षेत्र दूसरी तरफ चला गया। इसके बाद नेपाल ने इन जमीनों पर कब्जा करना शुरू कर दिया।
जिसकी वजह से सुस्ता गांव भी नेपाल के कब्जे में आ गया है। नेपाल त्रिवेणी धाम को गंडकी से लुंबनी प्रदेश में शामिल करने के बाद उसे बुद्ध सर्किट से जोड़ने की दिशा में काम किया जाएगा। पूर्व में त्रिवेणी से वाल्मीकि आश्रम को जोड़ने के लिए नेपाल पहले ही एक केबल ब्रिज बना चुका है।
त्रिवेणी को सुस्ता सहित लुंबिनी प्रदेश में शामिल करने का फैसला नेपाल के नवल परासी जिले के परासी में समन्वय समिति की सातवीं बैठक में लिया गया है। नवलपरासी जनपद के परासी में त्रिवेणी को सुस्ता समेत लुंबिनी को शामिल करने का निर्णय लिया गया है। नेपाल ऐसा इसलिए कर रहा है कि त्रिवेणी धाम की भौगोलिक बनावट की वजह से लोगों को दूरी तय करनी पड़ती है। इस समस्या को देखते हुए राज्य बदला जा रहा है।