अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए महावीर मंदिर न्यास समिति देगी 10 करोड़ रुपये, राम रसोई में निशुल्क कराएगी भोज
By एस पी सिन्हा | Published: November 10, 2019 05:49 PM2019-11-10T17:49:56+5:302019-11-10T17:49:56+5:30
पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर को पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल की ही देन कहा जाता है. यह बिहार के प्रख्यात मंदिरों में से एक है. आचार्य किशोर कुणाल ने अयोध्या पर एक किताब भी लिखी है. उनकी यह किताब सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई के दौरान चर्चा में रही.
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब वहां राम मंदिर निर्माण के लिए बिहार की राजधानी पटना स्थित महावीर मंदिर न्यास समिति हर साल दो करोड़ रुपये देगी. अर्थात पांच सालों में महावीर मंदिर न्यास समिति ने 10 करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है. इसके अलावा समिति अयोध्या के अमांवा मंदिर में राम रसोई शुरू करेगी, जिसमें श्रद्धालुओं को मुफ्त भोजन दिया जाएगा. इसकी जानकारी न्यास समिति के सचिव और पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल ने दी है.
यहां बता दें कि पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर को पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल की ही देन कहा जाता है. यह बिहार के प्रख्यात मंदिरों में से एक है. आचार्य किशोर कुणाल ने अयोध्या पर एक किताब भी लिखी है. उनकी यह किताब सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई के दौरान चर्चा में रही. न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने इस समय अयोध्या में ही हैं.
अयोध्या में राम जन्मस्थल के बगल में स्थित अमावा मंदिर में बालरूप राम की स्थापना के लिए गए हुए हैं. वे अमावा मंदिर के भी सचिव हैं. उनके मुताबिक यह फैसला पहले ही लिया जा चुका है. बता दें कि अयोध्या विवाद को लेकर वे भी पक्षकारों में शामिल थे. सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद को लेकर चालीस दिनों तक चली सुनवाई के दौरान उनके द्वारा अयोध्या में राम जन्म भूमि को लेकर छह दस्तावेजों के आधार पर तैयार नक्शा भी उपलब्ध कराया गया था. जिसको विपक्षी पक्षकार के वकील ने फाड़ दिया था.
उनके द्वारा लिखित 'अयोध्या रीविजिटेड' और 'अयोध्या बियांड एड्यूस्ड एविडेंस' में भी इससे संबंधित नक्शा दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आचार्य किशोर कुणाल ने कहा है कि उसने तमाम प्रमाणों के आधार पर रामलला के विराजमान होने का जो ऐतिहासिक फैसला दिया है.
आचार्य ने कहा कि अयोध्या में अमांवा मंदिर में राम रसोई शुरू करेंगे, जिसमें श्रद्धालुओं को मुफ्त भोजन दिया जाएगा. इसके लिए 5000 वर्ग फीट का परिसर बनाया गया है, जो अयोध्या में स्थिति सामान्य होते ही काम शुरू कर देगा. शुक्रवार को अमांवा मंदिर में भगवान राम के बालस्वरूप की प्रतिमा स्थापित कर दी की गई जिसके बाद आज फैसला आया.
आचार्य कुणाल ने कहा है कि अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए वे 1990 से लगे थे. इसके लिए देश के विभिन्न पुस्तकालयों एवं सरकारी कार्यालयों से साक्ष्य एकत्रित किए. साक्ष्यों के आधार पर 'अयोध्या रिविजिटेड' पुस्तक की रचना की.
पुस्तक में स्पष्ट है कि अयोध्या में विवादित स्थल के मध्य गुंबद के नीचे भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था. इसके लिए सीता रसोई का प्रमाण दिया गया है. इसके अलावा जन्मस्थल से संबंधित एक नक्शा भी तैयार कराया गया जिसे सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया था. यहां उल्लेखनीय है कि महावीर मंदिर न्यास समिति द्वारा पटना में कैंसर अस्पताल का भी संचालन किया जाता है.